एक शानदार शुरुआत और एक धुआँधार अंत
Builder.ai कभी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया का एक चमकता सितारा था। लंदन स्थित इस कंपनी के पास प्रतिष्ठित निवेशक, माइक्रोसॉफ्ट जैसा बड़ा पार्टनर और छोटे व्यवसायों के लिए ऐप बनाने का एक संपन्न व्यवसाय था। दो साल पहले, Fast Company पत्रिका ने AI के क्षेत्र में उसे OpenAI और Google की DeepMind के ठीक बाद तीसरा सबसे नवीन कंपनी घोषित किया था।
लेकिन पिछली सर्दी में, सब कुछ बदल गया। कंपनी के बोर्ड ने पाया कि बिक्री के आंकड़ों को काफी बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा था। मुख्य कार्यकारी अधिकारी सचिन देव डुग्गल ने इस्तीफा दे दिया। कुछ ही महीनों में, Builder, जिसका मूल्यांकन 1.5 अरब डॉलर था, दिवालिया हो गई। अब इसकी संपत्तियों की नीलामी डेलावेयर की एक अदालत में हो रही है।
निवेशकों के लिए एक चेतावनी
मानप्रीत रतिया, जिन्हें मार्च में कंपनी को बचाने के लिए नया CEO लाया गया था, कहते हैं, “Builder निवेशकों, कर्मचारियों और कार्यकारी अधिकारियों के लिए एक चेतावनी का संकेत होना चाहिए। जो आप दावा करते हैं कि आप हैं, उसके बारे में सावधान रहें। एक समय ऐसा आता है जब सब कुछ सामने आ जाता है।”
AI का सपना और उसका उन्माद
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सपने ने सिलिकॉन वैली में एक नया बूम ला दिया है। कंपनियां इस तकनीक को मानवता का उद्धारकर्ता बता रही हैं। लेकिन Builder का पतन इस उन्माद में लगभग अनदेखा ही रह गया। यह अब तक की सबसे बड़ी AI कंपनी है जो धराशायी हुई है, हालांकि यह बहस का विषय है कि इसे वास्तव में AI कंपनी कहा जाना चाहिए था या नहीं।
क्या था Builder.ai का असली मॉडल?
Builder, जिसकी स्थापना 2016 में Engineer.ai के नाम से हुई थी, एक प्लेटफॉर्म था जहां व्यवसाय अपने लिए ऐप और सॉफ्टवेयर टूल बनवा सकते थे। शुरुआती वर्षों में, इसने AI को ज़ोर-शोर से नहीं बेचा। लेकिन 2023 में कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी के नेतृत्व में हुए निवेश दौर के दौरान, प्रेस रिलीज का तीसरा शब्द ही ‘AI’ था।
कंपनी ने उत्पाद विकास पर नहीं, बल्कि प्रचार पर पैसा बहाया। उसने ‘नताशा’ नामक एक AI प्रोग्राम मैनेजर पेश किया, जिसके बारे में दावा किया गया कि वह वेबसाइट या ऐप बनाना पिज़्ज़ा ऑर्डर करने जितना आसान बना देगी। एक विज्ञापन में नताशा कहती थी, “यह मूल रूप से जादू है।”
जादू के पीछे का सच
आंतरिक दस्तावेजों के मुताबिक, 2024 में Builder ने खुद को प्रमोट करने पर लगभग 42 मिलियन डॉलर खर्च किए, जो उसके राजस्व का 80% था। ब्रांड खर्च में चौगुनी वृद्धि हुई और कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 1500 हो गई।
लेकिन बोर्ड की जांच में पता चला कि राजस्व के आंकड़े काफी बढ़ाए गए थे। 2023 के वित्तीय वर्ष में रिपोर्ट किया गया 157 मिलियन डॉलर का राजस्व वास्तव में सिर्फ 42 मिलियन डॉलर था। कंपनी अपने बिलों का भुगतान भी नहीं कर रही थी और उस पर Amazon Web Services का 75 मिलियन डॉलर का बकाया था।
पुराने आरोप और नए खुलासे
यह पहली बार नहीं था जब कंपनी पर झूठे दावों के आरोप लगे। 2019 में, तत्कालीन अमेरिकी कार्यकारी रॉबर्ट होल्डहेम ने मुकदमा दायर कर कहा था कि कंपनी के पास निवेशकों के लिए झूठे नंबरों वाली दोहरी बहीखाता थी। उन्होंने थेरानोस की एलिजाबेथ होम्स के साथ स्पष्ट तुलना करते हुए कहा था कि स्टार्टअप सिर्फ “धोखा और छल” है।
होल्डहेम के मुताबिक, जब उन्होंने डुग्गल का इस बारे में सामना किया, तो CEO ने जवाब दिया कि ऐसा सब करते हैं। डुग्गल के हवाले से कहा गया, “हर टेक स्टार्टअप वित्तपोषण पाने के लिए अतिशयोक्ति करता है — यही पैसा हमें तकनीक विकसित करने की अनुमति देता है।”
अंतिम पतन और बचाव
जब बोर्ड को वित्तीय गड़बड़ी का पता चला, डुग्गल ने इस्तीफा दे दिया। नए CEO मानप्रीत रतिया ने कंपनी को बचाने की कोशिश की, लेकिन जब लेनदारों का भरोसा उठ गया, तो दिवालियापन ही एकमात्र विकल्प बचा।
मई में, सोशल मीडिया पर एक आरोप उछला कि कंपनी की AI मौजूद ही नहीं थी और ‘नताशा’ दरअसल 700 भारतीय प्रोग्रामर थे। रतिया ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि AI वास्तविक थी, लेकिन उन्होंने यह भी स्वी