नई दिल्ली, 29 सितंबर 2025: EY इंडिया ने वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत की GDP ग्रोथ प्रोजेक्शन 6.7% कर दी है, जो पहले 6.5% थी। यह वृद्धि GST 2.0 सुधार और संभावित मौद्रिक रियायत के कारण की गई है। EY इंडिया की Economy Watch रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू मांग में मजबूती वैश्विक चुनौतियों के बावजूद आर्थिक विकास को बनाए रखने में मदद करेगी।
GST 2.0 से बढ़ेगी खपत और घरेलू मांग
नए GST ढांचे में टैक्स स्लैब को 5% और 18% में समेकित किया गया है, जबकि एक विशेष 40% स्लैब रखा गया है और 12% तथा 28% स्लैब हटा दिए गए हैं। EY के अनुसार, इस सुधार से टेक्सटाइल, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, हेल्थकेयर और फूड प्रोडक्ट्स जैसे प्रमुख सेक्टरों में कीमतें कम होंगी।
कृषि से जुड़े उद्योग जैसे उर्वरक, कृषि मशीनरी और रिन्यूएबल एनर्जी भी कम इनपुट लागत का लाभ उठाएंगे। ये सुधार उपभोक्ताओं की खपत बढ़ाकर राजस्व में अस्थायी गिरावट को संतुलित करेंगे और विकास के आधार को मजबूत बनाएंगे।
मौद्रिक रियायत और तकनीकी निवेश
EY इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार, DK Srivastava, ने कहा कि GST 2.0 और मौद्रिक रियायत का संयुक्त प्रभाव भारत को FY26 में विकास की गति बनाए रखने में सक्षम बनाता है। उन्होंने यह भी कहा कि तकनीक में रणनीतिक निवेश और लक्षित नीतिगत उपाय लंबे समय में सुधारों को स्थायी लाभ में बदलने के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
वाणिज्यिक विविधीकरण जरूरी
रिपोर्ट में भारत की US और China पर व्यापार निर्भरता को चुनौती बताया गया है और सलाह दी गई है कि BRICS+ देशों की ओर व्यापार को बढ़ाना चाहिए। नीति निर्माताओं का लक्ष्य 2030 तक भारत-अमेरिका व्यापार 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।
US में सेवा निर्यात बढ़ाने के लिए AI आधारित तकनीक में निवेश जरूरी होगा। वहीं, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस और रक्षा सामान के आयात में वृद्धि की उम्मीद है। EY ने कहा कि बाहरी चुनौतियों के बावजूद घरेलू मांग, नीतिगत समर्थन और व्यापारिक अवसर भारत की वृद्धि को मजबूत बनाए रखेंगे।
मुख्य बातें:
- EY इंडिया ने FY26 GDP ग्रोथ 6.7% तक बढ़ाई।
- GST 2.0 सुधार से घरेलू खपत और ड disposable इनकम में वृद्धि।
- ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, हेल्थकेयर और कृषि उद्योग लाभान्वित।
- BRICS+ देशों की ओर व्यापार विविधीकरण जरूरी।
- सेवा निर्यात बढ़ाने के लिए AI और तकनीकी निवेश महत्वपूर्ण।