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एडगबैस्टन में छोटी बाउंड्री और इंग्लैंड की बाजबॉल रणनीति पर चर्चा

एजबेस्टन में छोटी बाउंड्री पर बहस: क्या इंग्लैंड ने ‘बाजबॉल’ के लिए रची चाल?

इंग्लैंड और भारत के बीच चल रहे टेस्ट मैच में एजबेस्टन ग्राउंड की बाउंड्री लाइनों के आकार ने चर्चा छेड़ दी है। शायद यह बेन स्टोक्स की टीम की एक सोची-समझी रणनीति है, जो स्पिनर्स के प्रभाव को कम करने और अपने ‘बाजबॉल’ स्टाइल को बढ़ावा देने के लिए बाउंड्री को जितना हो सके, उतना छोटा रखना चाहती है।

क्या है मामला?

जब से यह खबर आई कि भारत दो स्पिनर्स—रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर—को खिलाने पर विचार कर रहा है, तब से इंग्लैंड के कप्तान स्टोक्स और कोच ब्रेंडन मैकुलम ग्राउंड्समैन के संपर्क में हैं। उन्होंने आईसीसी के नियमों में अनुमति के भीतर बाउंड्री रोप्स को सबसे छोटे संभव सीमा तक लाने की कोशिश की।

टाइम्स यूके की रिपोर्ट के मुताबिक, मैच अधिकारियों ने पुष्टि की कि ग्राउंड के किसी भी हिस्से में बाउंड्री स्टंप्स से 71 गज (64.9 मीटर) से ज्यादा लंबी नहीं है। यह दूरी 2023 एशेज में ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के खिलाफ हुए मैचों के मुकाबले काफी कम है। सीधे बाउंड्री तक की दूरी महज 60 मीटर है, जो आईसीसी द्वारा तय अधिकतम सीमा से करीब 30 मीटर कम है।

आईसीसी के नियम क्या कहते हैं?

हालांकि इंग्लैंड ने जडेजा और सुंदर जैसे स्पिनर्स के प्रभाव को कम करने की कोशिश की है, लेकिन उन्होंने कोई नियम नहीं तोड़ा है। आईसीसी के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के नियमों के मुताबिक, “पिच के केंद्र से कोई भी बाउंड्री 90 गज से लंबी या 65 गज से छोटी नहीं होनी चाहिए।” लेकिन यह भी कहा गया है कि “हर वेन्यू पर खेल के क्षेत्र को अधिकतम आकार देने का प्रयास किया जाना चाहिए।”

मैच से पहले अंपायर होम बोर्ड से सलाह-मशविरा करके बाउंड्री का आकार तय करते हैं। एजबेस्टन के ग्राउंड्समैन गैरी बारवेल ने बताया, “हमारी टीम के खेलने के तरीके के हिसाब से हम जितना हो सके, उतनी जानकारी देते हैं।”

भारत को कैसे प्रभावित किया?

फ्लैट पिच और अनुकूल परिस्थितियों के बावजूद, भारत को एक झटका तब लगा जब ऋषभ पंत ने छोटी बाउंड्री का गलत अंदाजा लगाया। उन्होंने शोएब बाशिर की गेंद पर लंबे ऑन की तरफ शॉट खेला, लेकिन जैक क्रॉली के हाथों कैच हो गए। इंग्लैंड टीम के जश्न से साफ था कि यह उनकी प्लानिंग का हिस्सा था।

क्या पहले भी ऐसा हुआ है?

इंग्लैंड ने ऐसी चालें पहले भी चली हैं। 2005 की एशेज में शेन वॉर्न के खिलाफ और 2019 विश्व कप में भारत के खिलाफ उन्होंने बाउंड्री को छोटा रखा था। उस मैच में युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव ने 20 ओवर में 160 रन दिए थे, और भारत 31 रन से हार गया था। तब भी भारतीय टीम ने इस रणनीति पर नाराजगी जताई थी।

पूर्व इंग्लैंड खिलाड़ियों की क्या राय?

पूर्व इंग्लैंड ऑलराउंडर डेविड लॉयड को समझ नहीं आया कि बाउंड्री इतनी छोटी क्यों रखी गई। उन्होंने डेली मेल में लिखा, “मैं हैरान था कि रोप्स इतने अंदर क्यों थे। शायद यह विज्ञापन बोर्ड्स से दूरी बनाए रखने के लिए किया गया हो।”

लेकिन पूर्व गेंदबाज स्टीव फिन ने इसे ‘बाजबॉल’ से जोड़ा। बीबीसी पर उन्होंने कहा, “इंग्लैंड टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करना और चौथी पारी में टारगेट का पीछा करना चाहता है। शायद इसीलिए बाउंड्री छोटी रखी गई।”

तो क्या यह सिर्फ एक चाल है? या फिर टेस्ट क्रिकेट की रणनीति का हिस्सा? बहस जारी है।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।