कोलकाता के Eden Gardens पिच को लेकर उठे सवाल: क्या India national cricket team समेत दोनों टीमों के लिए बदलेगा मुकाबला-व्यूह?
कोलकाता, 12 नवंबर 2025: जब India national cricket team और South Africa national cricket team 14 नवंबर से शुरू हो रहे पहले टेस्ट (सीरीज़ का पहला मैच) में Eden Gardens में आमने-सामने होंगे, तब पिच की वर्तमान हालात ने सबकी निगाहें उस पर मोड़ दी हैं। पिच पर न केवल बैट्समैन-बॉलर को ध्यान देना होगा, बल्कि रणनीति भी पूरी तरह बदल सकती है।
मुख्य बातें:
- पिच पर घास बहुत कम, काली मिट्टी का असर दिखने लगा है, जिससे ‘रिवर्स स्विंग’ संभवना बढ़ी है।
- Sourav Ganguly ने खुलासा किया कि टीम मैनेजमेंट ने ‘रैंक टर्नर’ पिच की मांग नहीं की है।
- टीम इंडिया की ट्रेनिंग सेशन में कप्तान Shubman Gill ने पिच अपने आंखों से देखी; बॉलर्स-नेट्स पर तैयारी कर रहे हैं।
- विशेषज्ञों का मानना है कि पिच पहले दो दिन फास्टरों-स्विंगरों को मदद दे सकती है, स्पिनर्स को तीसरे-चौथे दिन लाभ होगा।
क्या हुआ
वृत्तमान में, जब भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच पहला टेस्ट कोलकाता के ईडन गार्डन्स में तय हुआ है, तो पिच की तैयारियों को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। पिच पर घास की उपस्थिति लगभग नगण्य मानी जा रही है, जिससे बॉल जल्द ही रगड़ खाएगी और स्विंग-रिवर्स स्विंग का खेल शुरू हो सकता है।
इस बीच, बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन (CAB) के अध्यक्ष और पूर्व कप्तान यूरोव कहते हैं कि टीम ने विशेष रूप से स्पिन-सहायक या बेहद उलझाऊ यानि ‘रैंक टर्नर’ पिच की मांग नहीं की है। इस बयान ने अंदेशा कम किया कि घरेलू टीम सिर्फ स्पिन-पिच पर निर्भर नहीं रहना चाहती।
ट्रेनिंग के दौरान शुबमन गिल ने पिच को बारीकी से देखा और बॉलर्स ने नेट्स में कड़ी मेहनत की-जिससे यह संकेत मिलता है कि टीम ने पिच की संभावित चुनौतियों को ध्यान में लेकर पहले से योजना बनाई है।
प्रमुख तथ्य / डेटा
- मैच की शुरुआत: 14 नवंबर 2025 से, स्थल: कोलकाता, ईडन गार्डन्स।
- पिच की मिट्टी प्रकार: काली मिट्टी, अति कम घास। जिससे बॉल ज्यादा देर तक नई-नही रहेगी, पुराने होने पर स्विंग का मौका बढ़ेगा।
- पिच पर स्पिनरों को ज्यादा सहायता मिलने की संभावना तीसरे-चौथे दिन से बताई जा रही है।
- अतिगत बदलाव की संभावना कम: पिच तैयारियों के इस समय में बड़े बदलाव की संभावना टीम मैनेजमेंट द्वारा कम आंकी जा रही है।
प्रतिक्रियाएँ
CAB अध्यक्ष सोराब गांगुली ने कहा: “टीम ने अभी तक रैंक-टर्नर मांग नहीं की है। पिच देखी है,-छोटी-छोटी चीजों पर हमारी सतर्कता है।”
वहीं भारतीय कप्तान शुबमन गिल और मुख्य कोच ने पिच पर नजर रखते हुए अभ्यास-सेशन शुरू किया। बॉलर्स जैसे Jasprit Bumrah ने लंबे नेट सेशन किए, यह संकेत कि वे स्विंग-बॉल के लिए तैयार हैं।
वर्तमान स्थिति / आगे क्या होगा
अब मैच करीब है, दोनों टीमों को पिच की वास्तविक प्रकृति समझनी होगी। अगर पिच ने पहले दिन स्विंग-फास्ट बॉलर्स को फायदा दिया, तो टीम इंडिया की फास्ट-बॉलिंग इकाई को अनुमति मिल सकती है। वहीं, दक्षिण अफ्रीका की स्पिन अर्जुनों को तीसरे-चौथे दिन मज़बूती मिल सकती है।
टीम रणनीति-निर्माण में पिच रिपोर्ट अहम होगी। उदाहरण के लिए, बल्लेबाजी क्रम में बदलाव, बॉलर्स-रोटेशन, दिन-दोपहर के समय खेलने का निर्णय ऐसी स्थितियों पर निर्भर करेगा।
मौसम-अनुमान और पिच़ ग्रुमिंग भी ध्यान देने योग्य हैं। यदि पिच पर घंटे-घंटे पहले से पानी या कवर हटाया गया हो, तो असर बदल सकता है।
संदर्भ / पृष्ठभूमि
ईडन गार्डन्स में टेस्ट क्रिकेट का इतिहास लंबा और महत्वपूर्ण रहा है। पिछले कुछ सीज़नों में यह पिच अक्सर तेज-स्विंगर्स को थोड़ी मदद देती रही है, लेकिन पूरी तरह स्पिन-सहायक नहीं रही। इस बार इसकी तैयारियों पर और ध्यान दिया गया है।
दक्षिण अफ्रीका अपने स्पिन आक्रमण को मज़बूत करके भारत दौरे पर आई है, जहाँ उन्हें सामान्यतः स्पिन वातावरण मिलता है। इस पिच के कारण उनकी रणनीति में बदलाव देखने को मिल सकता है।
भारत टीम ने हाल के समय में पिच पर अधिक संतुलित रणनीति अपनाई है-ना सिर्फ घरेलू परिस्थितियों का फायदा लेना, बल्कि एक “खेल-योग्य” पिच देना जिसकी वजह से परिणाम लंबे से चले और प्रतिस्पर्धा बनी रहे। यह दृष्टिकोण इस श्रृंखला में फिर दिखाई दे रहा है।
स्रोत: indiandailypost, Timesofindia






