साउथ सुपरस्टार प्रभास और ‘कबीर सिंह’ फेम डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा की अगली बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘स्पिरिट’ इस वक्त एक दिलचस्प विवाद का केंद्र बन गई है। चर्चा का कारण है – दीपिका पादुकोण का फिल्म से अचानक बाहर हो जाना।
जहां एक ओर यह फिल्म पूरे भारत में नहीं, बल्कि ‘पैन-वर्ल्ड’ रिलीज़ की योजना के साथ बनाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर लीड एक्ट्रेस के तौर पर दीपिका की गैरमौजूदगी अब सवालों के घेरे में है। क्या उन्हें बाहर किया गया? या उन्होंने खुद प्रोजेक्ट से किनारा कर लिया?
शर्तें, टकराव और नतीजा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दीपिका और निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा के बीच कई मुद्दों को लेकर मतभेद हुए। कुछ तेलुगू वेबसाइट्स जैसे Gulte और GreatAndhra के मुताबिक, दीपिका ने फिल्म के लिए कुछ ‘गंभीर शर्तें’ रखीं, जिससे निर्देशक काफी नाराज़ हुए।
बताया जा रहा है कि दीपिका ने:
- प्रतिदिन सिर्फ 8 घंटे काम करने की शर्त रखी, जिसमें शूटिंग का वास्तविक समय लगभग 6 घंटे का होता।
- लगभग ₹20 करोड़ की फीस की मांग की, जो उनके करियर की सबसे बड़ी पेमेंट मानी जाती।
- साथ ही, उन्होंने फिल्म की डबिंग तेलुगू में करने से इंकार कर दिया।
- ऊपर से, उन्होंने फिल्म के मुनाफे में हिस्सा मांगने की भी बात रखी।
इन सभी मांगों को निर्देशक ने ‘अनप्रोफेशनल’ करार दिया और आखिरकार उन्हें प्रोजेक्ट से हटा दिया गया।
दीपिका का पक्ष – क्या वो बस अपना हक मांग रही थीं?
लेकिन कहानी का दूसरा पहलू भी है। इंडस्ट्री में बराबरी की बात हो रही है – तो क्या दीपिका की ये मांगें वाजिब नहीं थीं? क्या एक टॉप एक्ट्रेस होने के नाते उन्हें वही अधिकार नहीं जो किसी मेल सुपरस्टार को मिलते हैं?
कई लोगों का मानना है कि अगर किसी मेल एक्टर ने इतनी फीस मांगी होती या काम के घंटे तय किए होते, तो उसे ‘प्रोफेशनल’ समझा जाता। फिर महिलाओं के लिए अलग मापदंड क्यों?
प्रेग्नेंसी और शेड्यूलिंग का भी था मामला
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि ‘स्पिरिट’ की शूटिंग में देरी की एक वजह दीपिका की प्रेग्नेंसी भी रही। 2024 के अंत में जब फिल्म की शूटिंग शुरू होनी थी, तब दीपिका प्रेग्नेंट थीं और उन्होंने भूमिका को अस्वीकार कर दिया था। लेकिन निर्देशक संदीप ने फिर से उन्हें स्क्रिप्ट ऑफर की, कुछ बदले हुए शेड्यूल के साथ।
अब जब चीज़ें आगे बढ़ी, तो इन शर्तों के चलते मामला बिगड़ गया।
सोशल मीडिया पर बंटा जनमत
दीपिका के बाहर होने की खबर सामने आने के बाद फैंस की प्रतिक्रियाएं भी दो हिस्सों में बंट गईं। कुछ ने उन्हें ‘डिमांडिंग’ और ‘डिवा’ कहकर ट्रोल किया, जबकि बहुतों ने कहा कि वो सिर्फ अपने हक की बात कर रही थीं।
एक यूज़र ने लिखा, “दीपिका ने वही मांगा जो किसी भी मेल सुपरस्टार को बिना सवाल दिए मिल जाता है। क्या इसमें कुछ गलत है?”
अब आगे क्या?
फिल्म ‘स्पिरिट’ के मेकर्स अब दीपिका की जगह नई अभिनेत्री की तलाश में हैं। वहीं दीपिका पादुकोण अपने आने वाले प्रोजेक्ट्स में बिज़ी हैं – जिनमें संजय लीला भंसाली की ‘लव एंड वॉर’, शाहरुख खान के साथ ‘किंग’, और ‘क्लासी’ फ्रैंचाइज़ी की अगली फिल्म शामिल हैं।
निष्कर्ष: स्टारडम का संघर्ष या बराबरी की आवाज़?
दीपिका पादुकोण का ‘स्पिरिट’ से बाहर होना सिर्फ एक कास्टिंग बदलाव नहीं है। यह बॉलीवुड की उस पुरानी बहस को फिर से ज़िंदा करता है जिसमें एक महिला कलाकार की प्रोफेशनल शर्तों को कई बार ‘अहंकारी’ या ‘मुश्किल’ कहा जाता है, जबकि वही चीज़ें मेल एक्टर्स के लिए नॉर्मल मानी जाती हैं।
सवाल ये नहीं कि दीपिका को हटाया गया या उन्होंने छोड़ा, सवाल ये है – क्या हम अब भी महिलाओं की आवाज़ को ‘अनप्रोफेशनल’ समझते हैं जब वो अपने लिए खड़ी होती हैं?