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चीनी कंपनियां Nvidia के H20 AI चिप्स खरीदने में जुटीं, अमेरिकी सरकार से मिली हरी झंडी

चीनी कंपनियों की Nvidia के H20 चिप्स को लेकर दौड़

चीनी कंपनियाँ Nvidia के H20 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चिप्स को खरीदने के लिए होड़ में शामिल हो गई हैं। दो सूत्रों ने रॉयटर्स को यह जानकारी दी है। यह खबर ऐसे समय में सामने आई है जब Nvidia ने कहा है कि वह मुख्यभूमि चीन को बिक्री फिर से शुरू करने की योजना बना रहा है। इससे कुछ दिन पहले ही कंपनी के CEO जेनसन हुआंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी।

अमेरिकी निर्यात प्रतिबंधों का असर

Nvidia के AI चिप्स अमेरिकी निर्यात प्रतिबंधों के केंद्र में रहे हैं। ये प्रतिबंध सुरक्षा चिंताओं के चलते सबसे उन्नत चिप्स को चीन के हाथों में जाने से रोकने के लिए लगाए गए थे। अमेरिकी सूचीबद्ध कंपनी ने कहा है कि इन प्रतिबंधों से उसके राजस्व में 15 अरब डॉलर की कमी आएगी।

लेकिन अब कंपनी ने एक बयान में कहा है कि वह H20 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) की चीन को बिक्री फिर से शुरू करने के लिए अमेरिकी सरकार के पास आवेदन कर रही है। कंपनी को उम्मीद है कि जल्द ही लाइसेंस मिल जाएंगे।

लाइसेंस को लेकर आश्वासन

Nvidia ने कहा, “अमेरिकी सरकार ने हमें आश्वासन दिया है कि लाइसेंस दिए जाएंगे। हम जल्द ही डिलीवरी शुरू करने की उम्मीद करते हैं।” कंपनी के CEO जेनसन हुआंग इस समय बीजिंग के दौरे पर हैं और बुधवार को एक कार्यक्रम में बोलने वाले हैं।

व्हाइट हाउस, जिसने पहले चिंता जताई थी कि चीनी सेना AI चिप्स का इस्तेमाल हथियार विकसित करने में कर सकती है, ने टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया है।

चीनी कंपनियों की बढ़ती मांग

सूत्रों के मुताबिक, चीनी कंपनियाँ इन चिप्स के लिए ऑर्डर देने में जुट गई हैं। Nvidia को ये ऑर्डर अमेरिकी सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजने होंगे। इंटरनेट दिग्गज बाइटडांस और टेंसेंट भी आवेदन प्रक्रिया में जुटे हुए हैं।

इस प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा Nvidia द्वारा तैयार की गई “व्हाइटलिस्ट” है। एक सूत्र के अनुसार, चीनी कंपनियाँ इस सूची में पंजीकरण कराकर संभावित खरीद के लिए आवेदन कर सकती हैं।

बाइटडांस और टेंसेंट ने टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया। Nvidia ने भी “व्हाइटलिस्ट” के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया।

चीनी बाजार के लिए नया मॉडल

Nvidia, जिसने अप्रैल में ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए निर्यात प्रतिबंधों की आलोचना की थी, ने यह भी कहा है कि उसने चीनी बाजार के लिए नियामक नियमों को पूरा करने वाला एक नया मॉडल पेश किया है।

हुआंग बुधवार को बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग में शामिल होंगे, जहाँ वे एक सप्लाई चेन एक्सपो में हिस्सा ले रहे हैं। Nvidia के CEO ने अप्रैल में भी चीन का दौरा किया था और चीनी बाजार के महत्व पर जोर दिया था।

चीनी बाजार का महत्व

हुआंग ने मंगलवार को चीनी राज्य प्रसारक CCTV को बताया, “चीनी बाजार विशाल, गतिशील और अत्यधिक नवीन है। यह कई AI शोधकर्ताओं का भी घर है। इसलिए, अमेरिकी कंपनियों के लिए चीनी बाजार में जड़ें जमाना वास्तव में महत्वपूर्ण है।”

इस खबर के बाद Nvidia के शेयर प्रीमार्केट ट्रेडिंग में 5% उछल गए। प्रतिद्वंद्वी AI चिप निर्माता AMD, जिसने चीन पर अमेरिकी निर्यात प्रतिबंधों के चलते इस साल 1.5 अरब डॉलर के राजस्व नुकसान का अनुमान जताया है, के शेयर 3% से अधिक बढ़े।

आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव

Nvidia को चीनी टेक दिग्गज हुआवे और GPU बनाने वाली अन्य कंपनियों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन बड़ी टेक कंपनियों सहित चीनी कंपनियाँ अभी भी Nvidia के चिप्स की ओर आकर्षित हैं, खासकर CUDA नामक इसके कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म के लिए।

हुआंग का यह दौरा चीन और अमेरिका दोनों में बारीकी से देखा जा रहा है। पिछले हफ्ते अमेरिका में द्विदलीय सांसदों के एक जोड़े ने CEO को एक पत्र भेजकर सैन्य या खुफिया निकायों के साथ काम करने वाली कंपनियों से मिलने से परहेज करने को कहा था।

तनाव में कमी के संकेत

H20 चिप्स की बिक्री फिर से शुरू करने का यह कदम वाशिंगटन और बीजिंग के बीच तनाव कम होने के संकेतों के बीच आया है। चीन ने हाल ही में दुर्लभ पृथ्वी धातुओं के निर्यात पर नियंत्रण को ढीला किया है, जिससे यह संकेत मिला है कि दोनों देश व्यापार और तकनीकी क्षेत्रों में सहमति की ओर बढ़ रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम दोनों देशों के बीच टेक्नोलॉजी वॉर की तीव्रता को कम कर सकता है। खासकर तब, जब AI जैसी उभरती टेक्नोलॉजी को लेकर वैश्विक प्रतिस्पर्धा तेज होती जा रही है।

भविष्य की दिशा क्या होगी?

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिकी सरकार Nvidia को चीन में और किस हद तक व्यापार करने की अनुमति देती है। वहीं, चीन भी Nvidia जैसे ग्लोबल चिप निर्माताओं की मदद से अपनी AI क्षमता को बढ़ाने की कोशिश करेगा। हालांकि, विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि अमेरिका द्वारा चीन पर लगाए गए कुछ पुराने प्रतिबंध बने रह सकते हैं।

उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, अगर H20 जैसी हाई-परफॉर्मेंस चिप्स चीन को नियमित रूप से मिलने लगती हैं, तो इससे देश की AI इंडस्ट्री को जबरदस्त ताकत मिल सकती है, जिससे अमेरिका की टेक बढ़त को चुनौती मिल सकती है।

निष्कर्ष

Nvidia और चीन के बीच बढ़ती निकटता और अमेरिकी सरकार की लचीली नीति यह दर्शाती है कि व्यापारिक हितों के चलते कई बार भू-राजनीतिक तनाव भी कम हो सकते हैं। H20 चिप्स को लेकर चीन में बढ़ती मांग और Nvidia की तत्परता यह दर्शाती है कि टेक्नोलॉजी की दुनिया में प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ सहयोग भी जरूरी है।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।