ओपनएआई ने भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए चैटजीपीटी गो नामक एक नई सस्ती सदस्यता योजना की शुरुआत की है। यह महीने के सिर्फ 399 रुपये में उपलब्ध है और कंपनी द्वारा पेश की गई अब तक की सबसे किफायती पेशकश बन गई है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह उन उपयोगकर्ताओं के लिए पर्याप्त है जो थोड़ा अधिक चाहते हैं, या फिर प्लस प्लान जैसी प्रीमियम सदस्यता ही बेहतर विकल्प रहेगी?
तीन विकल्प, अलग-अलग जरूरतें
वैसे तो ओपनएआई के पास अब तीन तरह की सदस्यताएं हैं – मुफ्त, गो और प्लस। हर एक की अपनी खूबियाँ और सीमाएँ हैं। मुमकिन है कि आप जैसे उपयोगकर्ता के लिए यह तय करना मुश्किल हो कि कौन सा प्लान चुनें। तो आइए, एक साधारण और स्पष्ट तुलना के जरिए समझते हैं कि हर प्लान में exactly क्या मिलता है।
चैटजीपीटी गो: बजट के अनुकूल
यह नया प्लान, जो अभी सिर्फ भारत में ही उपलब्ध है, स्पष्ट रूप से एक सस्ते विकल्प के तौर पर सामने आया है। 399 रुपये प्रति माह के इस प्लान का मकसद AI की उन्नत सुविधाओं को ज्यादा लोगों की पहुँच में लाना है।
मुफ्त वर्जन के मुकाबले, गो सब्सक्राइबर्स को कई बेहतर फीचर्स मिलते हैं। इनमें फ्लैगशिप GPT-5 मॉडल तक पहुँच शामिल है, जो ज्यादा यूटिलाइजेशन और याददाश्त के साथ कस्टमाइज्ड जवाब देने की सुविधा देता है। साथ ही, यूजर्स को कॉम्प्लेक्स डेटा एनालिसिस के टूल्स, फाइल अपलोड करने और इमेज जनरेशन जैसी सुविधाएँ भी मिलेंगी। ये सभी चीजें अलग-अलग तरह के प्रोजेक्ट्स और कामों के लिए काफी जरूरी मानी जाती हैं। एक और बड़ी बात – इस नए सब्सक्रिप्शन को व्हाट्सएप और चैटजीपीटी मोबाइल ऐप के जरिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
चैटजीपीटी प्लस: प्रीमियम अनुभव
1999 रुपये प्रति माह का यह प्लान उन यूजर्स के लिए है जो बेहतर परफॉर्मेंस और पूरी तरह से एनहांस्ड फंक्शनलिटी चाहते हैं। यह मुफ्त वर्जन से कहीं ज्यादा व्यापक अनुभव और शक्तिशाली टूल्स का एक सूट प्रदान करता है।
इसके सब्सक्राइबर्स को विशेष टूल्स जैसे कि Deep Research और complex tasks के लिए Agent Mode तक पहुँच मिलती है। साथ ही, पुराने मॉडल्स जैसे GPT-4 का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। सबसे खास बात यह है कि इसमें ओपनएआई के टेक्स्ट-टू-वीडियो AI मॉडल, सोरा (Sora) को भी शामिल किया गया है, जो वीडियो क्रिएशन के काम आता है।
इसके अलावा, जीमेल, टीम्स, नोशन, गिटहब और कैनवा जैसे पॉपुलर वर्क प्लेटफॉर्म्स के साथ बेहतर इंटीग्रेशन और हायर यूजेज लिमिट जैसे फायदे भी मिलते हैं। यह सब मिलकर एडवांस्ड यूजर्स को बिना रुकावट के काम करने और AI की पूरी क्षमता का दोहन करने का मौका देते हैं।
मुफ्त वर्जन: शुरुआत के लिए बेहतरीन
कुछ सीमित सुविधाओं के साथ, यह मुफ्त सदस्यता मॉडल उन ग्राहकों के लिए एक अच्छा स्टार्टिंग पॉइंट है जो AI के साथ प्रयोग करना चाहते हैं।
नवीनतम GPT-5 मॉडल इसके मुफ्त संस्करण में भी उपलब्ध है, लेकिन इसमें यूजेज लिमिट हैं – जैसे एक निश्चित समय सीमा में भेजे जा सकने वाले मैसेज की संख्या और जनरेट की जा सकने वाली इमेज की संख्या पर पाबंदी।
फिर भी, मुफ्त योजना पर उपयोगकर्ता फोटो अपलोड कर सकते हैं, चैटजीपीटी वॉइस का उपयोग कर सकते हैं और अप-टू-डेट जानकारी के लिए वेब खोज भी कर सकते हैं। ये सभी सुविधाएँ, हालांकि सीमित, नौसिखियों और आकस्मिक उपयोगकर्ताओं के लिए AI की संभावनाओं को जानने का एक मजबूत विकल्प बनी हुई हैं। शायद यही इसकी सबसे बड़ी ताकत है।
कौन सा प्लान है सही?
चैटजीपीटी गो सदस्यता को भारतीय छात्रों और अंशकालिक क workers के लिए एक किफायती विकल्प के रूप में positioning किया गया है। यह मुफ्त संस्करण से कहीं बेहतर है और महज 399 रुपये प्रति माह में मिलता है। जिन्हें मुफ्त स्तर से ज्यादा चाहिए, लेकिन प्रीमियम योजनाओं की पूरी सुविधाओं की जरूरत नहीं है, उनके लिए यह एक आदर्श शुरुआती बिंदु हो सकता है।
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