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Nvidia के प्रतिबंधित AI चिप्स का चीन में तस्करी से ब्लैक मार्केट फलफूल रहा

एनवीडिया के प्रतिबंधित AI चिप्स चीन में पहुंचे, ब्लैक मार्केट में खुलेआम बिक रहे

फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सरकार द्वारा चिप निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद के तीन महीनों में एनवीडिया के कम से कम 1 अरब डॉलर मूल्य के एआई चिप्स चीन में तस्करी कर लाए गए। ये चिप्स, जिनमें हाई-एंड B200 प्रोसेसर शामिल हैं, चीन में बिक्री के लिए प्रतिबंधित हैं। लेकिन रिपोर्ट बताती है कि ये चिप्स चीन के ब्लैक मार्केट में आसानी से उपलब्ध हैं।

कैसे हो रही है सप्लाई?

रिपोर्ट में बताया गया है कि मई से ही कई चीनी वितरक B200 चिप्स को डेटा सेंटर सप्लायर्स को बेच रहे हैं। ये डेटा सेंटर चीन की एआई कंपनियों को सेवाएं देते हैं। और दिलचस्प बात यह है कि ये सप्लायर्स गुआंगडोंग, झेजियांग और आनहुई प्रांतों से काम कर रहे हैं।

एनवीडिया ने रॉयटर्स को बताया कि तस्करी किए गए उत्पादों से डेटा सेंटर बनाना तकनीकी और आर्थिक रूप से अक्षम है। कंपनी का कहना है कि वह केवल अधिकृत उत्पादों को ही सपोर्ट और सेवा देती है।

अमेरिका-चीन के बीच तकनीकी जंग

अमेरिका और चीन एआई समेत कई उन्नत तकनीकों में वैश्विक वर्चस्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इसी के चलते एनवीडिया जैसी कंपनियों के लिए दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच संतुलन बनाना मुश्किल हो रहा है।

पिछले हफ्ते एनवीडिया ने कहा था कि उसे चीन को फिर से चिप्स बेचने की अनुमति मिल गई है। यह तब हुआ जब ट्रंप प्रशासन ने H20 जैसे चिप्स की बिक्री पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया। ये प्रतिबंध अप्रैल में लगाए गए थे। लेकिन उससे पहले के तीन महीनों में चीनी वितरक B200 के अलावा H100 और H200 जैसे प्रतिबंधित प्रोसेसर भी बेच चुके हैं।

दक्षिण-पूर्व एशिया बना ‘हब’

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि दक्षिण-पूर्व एशियाई देश अब ऐसे बाजार बन गए हैं जहां से चीनी समूह प्रतिबंधित चिप्स हासिल कर रहे हैं। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि थाईलैंड जैसे देशों का इस्तेमाल चिप्स की तस्करी के लिए किया जा रहा है।

और शायद यही वजह है कि अमेरिकी वाणिज्य विभाग सितंबर से थाईलैंड जैसे देशों को एडवांस्ड एआई उत्पादों के निर्यात पर और प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है।

प्रतिक्रियाओं का इंतजार

इस पूरे मामले पर अमेरिकी वाणिज्य विभाग, व्हाइट हाउस और थाई सरकार ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं, रॉयटर्स ने खुद FT की इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की है।

लेकिन अगर यह रिपोर्ट सही है, तो यह साफ दिखाता है कि तकनीकी प्रतिबंधों के बावजूद चिप्स की तस्करी जारी है। और मुमकिन है कि यह सिलसिला आने वाले दिनों में और जटिल हो जाए।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।