भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर के कार्यकाल में दो साल की बढ़ोतरी कर दी है। उनका नया कार्यकाल अब जून 2026 तक मान्य रहेगा। शायद यह फैसला टीम इंडिया के हालिया शानदार प्रदर्शन को देखते हुए लिया गया है।
कार्यकाल में मिली बड़ी कामयाबी
अगरकर ने जून 2023 में यह जिम्मेदारी संभाली थी। तब से लेकर अब तक का सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। लेकिन नतीजे बेहद सकारात्मक रहे हैं। उनके कार्यकाल में भारत ने आईसीसी टूर्नामेंट्स की ट्रॉफी की लंबे समय से चली आ रही दूरी को खत्म किया है। टीम ने 2024 का टी20 विश्व कप जीता और इससे पहले इसी साल चैंपियंस ट्रॉफी पर भी कब्जा जमाया।
और यही नहीं, 2023 में हुए वनडे विश्व कप में भारत फाइनल तक पहुंचा था। हालांकि वह मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से हार गया था। लेकिन टूर्नामेंट में टीम का प्रदर्शन शानदार रहा था।
BCCI ने पहले ही कर दी थी पुष्टि
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगरकर के कॉन्ट्रैक्ट की अवधि बढ़ाने का फैसला आईपीएल 2025 से पहले ही लिया जा चुका था। BCCI के एक अधिकारी ने अखबार को बताया, “उनके कार्यकाल में भारतीय टीम ने खिताब जीते हैं और साथ ही टेस्ट और टी20 फॉर्मेट में ट्रांजिशन का दौर भी सफलतापूर्वक देखा है। BCCI ने उनका कॉन्ट्रैक्ट जून 2026 तक बढ़ा दिया है और उन्होंने भी कुछ महीने पहले ही इस ऑफर को स्वीकार कर लिया था।”
यह बात साफ है कि बोर्ड अगरकर के काम से काफी संतुष्ट नजर आ रहा है। और ऐसा हो भी क्यों न? आखिरकार, टीम ने बड़ी सफलताएं हासिल की हैं।
दिग्गजों के विदा होने का दौर
अगरकर ने एक ऐसे मुश्किल दौर में यह जिम्मेदारी संभाली थी जब कई दिग्गज खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदा ले रहे थे। विराट कोहली, रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन जैसे अनुभवी खिलाड़ियों ने कुछ फॉर्मेट्स से संन्यास लेने का फैसला किया।
ऑफ-स्पिनर अश्विन ने तो सभी फॉर्मेट्स से ही रिटायरमेंट ले लिया। वहीं रोहित और विराट अब भी वनडे क्रिकेट खेलते हैं। इन सबके बीच नए कप्तानों का चुनाव भी एक बड़ी चुनौती थी।
नए नेतृत्व की शुरुआत
टीम में नए कप्तानों के तौर पर शुभमन गिल को टेस्ट और सूर्यकुमार यादव को टी20इंटरनेशनल की कमान सौंपी गई। यह फैसला काफी अहम माना जा रहा है। दोनों युवा हैं और उनमें लंबे समय तक टीम का नेतृत्व करने की क्षमता है।
तो कहा जा सकता है कि अगरकर की अगुवाई में चयन समिति ने न केवल वर्तमान में सफलता हासिल की है, बल्कि भविष्य की योजना भी बनाई है।
टेस्ट टीम में बदलाव
टेस्ट टीम में भी कई नए चेहरे शामिल किए गए हैं। यह ट्रांजिशन काफी सहज और प्रभावी रहा है। नए खिलाड़ियों ने अवसर मिलते ही अपनी क्षमता साबित भी की है। शायद यही वजह है कि टीम फॉर्मेट के अनुसार अपना प्रदर्शन बनाए रखने में कामयाब रही है।
आगे की राह
अब अगरकर के पास और समय मिल गया है। उम्मीद की जा रही है कि वह टीम को और भी बुलंदियों पर ले जाएंगे। अगले कुछ सालों में कई बड़े टूर्नामेंट्स हैं, जिनमें भारत की नजरें एक बार फिर जीत पर टिकी होंगी।
बोर्ड का यह फैसला निश्चित तौर पर स्थिरता की ओर इशारा करता है। जब एक चयनकर्ता को लंबा वक्त मिलता है, तो वह दीर्घकालिक योजनाएं बना पाता है। और शायद यही टीम इंडिया के लिए अच्छा संकेत है।
तो अब देखना यह होगा कि अगले दो सालों में अजीत अगरकर की अगुवाई में भारतीय क्रिकेट किस नई ऊंचाई को छूता है। फिलहाल तो सब कुछ सही दिशा में बढ़ता दिख रहा है।