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एशिया-पैसिफिक में तकनीकी शेयरों में तेज़ गिरावट, S&P 500 समेत अमेरिकी बाजारों पर भी दबाव – क्या आई है ‘एआई बुलबुला’ का खतरा?

नई दिल्ली, 6 नवंबर 2025: बुधवार को एशिया-पैसिफिक क्षेत्रों के शेयर बाजारों में जबरदस्त दबाव देखा गया, जहाँ मुख्य रूप से टेक और चिप निर्माताओं की गिरावट ने अमेरिकी बाजारों को भी प्रभावित किया। इस गिरावट के पीछे व्यापक रूप से बढ़ती हुई “एआई-बुलबुला” चिंताओं तथा लागत-प्रभावक आर्थिक संकेतों का हाथ माना जा रहा है।

मुख्य बातें:

  • जापान का Nikkei 225 करीब 4–5 % नीचे गया, जबकि दक्षिण कोरिया का KOSPI 6 % से अधिक ढह गया।
  • SoftBank Group के शेयर लगभग 9.8 % तक गिरे, मुख्य रूप से इसके एआई निवेशों को लेकर बढ़ी चिंता के कारण।
  • वहीं, अमेरिकी बाजार में S&P 500 ने लगभग 0.4 % की बढ़त दर्ज की है, लेकिन टेक-सेक्टर की कंपनियों की अस्थिरता ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है।
  • निवेशक अब इसे एक छोटे-मोटे बिकवाली से ज्यादा “समय लेकर महसूस हो रही थकान” के रूप में देख रहे हैं, विशेष रूप से उस तेजी के बाद जो इस साल टेक शेयरों में आई थी।

क्या हुआ?

बुधवार को जब अमेरिका के टेक दिग्गजों में बिकवाली तेज हुई, तब इसका प्रभाव एशिया-पैसिफिक बाजारों में तुरन्त दिखा। जापान में निगेटिव मोमेंटम ने निकी को सत्र के शुरुआत में लगभग 5 % नीचे खोला, जबकि मध्य-बिक्री तक इसे करीब 2.8 % तक कम होकर 50,090.33 पर बंद हुआ।
दक्षिण कोरिया के कोस्पि में भी Samsung Electronics और SK Hynix जैसे चिप मेकर कंपनियों के शेयरों में करीब 4.9 % एवं 2.9 % की गिरावट देखने को मिली। चीन के शंघाई बाजार और हॉन्ग कॉन्ग का हैंग सेंग थोड़ी तेजी या मामूली गिरावट में बंद हुए।
अमेरिकी बाजारों में, जबकि प्रमुख शेयर सूचकांक हल्के-से हरे रहे, लेकिन ‘बड़ी तकनीकी’ कंपनियों की अस्थिरता ने स्थिति को तनावपूर्ण बना दिया।

मुख्य तथ्य / डेटा

  • SoftBank Group ने करीब 9.8 % का नुकसान दर्ज किया, जो इस गिरावट में सबसे आगे था।
  • एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार जापान में चिप-टेस्टिंग कंपनी Advantest करीब 10 % तक गिर गई।
  • अमेरिका में S&P 500 में 24.74 अंक (लगभग 0.4 %) की बढ़त देखी गई, जबकि डाउन जोन्स व NASDAQ में क्रमशः 0.5 % तथा 0.6 % की बढ़ोतरी हुई।
  • एशिया-पैसिफिक रीजन का MSCI ब्रोड इंडेक्स दो सत्र में 2.3 % से अधिक गिर गया – अप्रैल के बाद का सबसे तेज गिराव।

प्रतिक्रियाएं

“यह सिर्फ एक दिन की कमजोरी नहीं थी, यह उस रैली का पलक झपकते टूटना जैसा था जिसे हम रातों-रात चढते देखकर अभ्यस्त हो गए थे,” – एसपीआई एसेट मैनेजमेंट के स्टीफन इनसे ने टिप्पणी की।
एनालिस्ट्स मान रहे हैं कि हाल की उछाल के बाद निवेशकों में यह भावना पनप रही है कि तकनीकी शेयरों में बहुत अधिक उछाल हो चुका है, और अब “बुलबुले वाला” जोखिम सामने है।

वर्तमान स्थिति / आगे क्या हो सकता है

टेक-सेक्टर में बिकवाली का दबाव कुछ हद तक अमेरिकी बाजारों में कम हुआ है, मगर एशिया में तनाव अभी बना हुआ है। निवेशकों की निगाह आगामी Federal Reserve की मौद्रिक नीति पर है-अगर अमेरिका में रोजगार या महंगाई आंकड़े कमजोर आएँ, तो दरों में कटौती की संभावना फिर से चर्चा में आ सकती है, जिससे वैश्विक स्टॉक्स को राहत मिल सकती है।
वहीं, एशिया-मेकर्स की चिप-सेक्टर स्थिति और चीन-अमेरिका व्यापार-विरोधी तन्‍त्र इस गिरावट को नए आयाम दे सकते हैं।
अगले हफ्ते कुछ बड़ी कंपनियों की तिमाही आय रिपोर्ट्स आने वाली हैं, जिनसे बाजार की दिशा पर असर पड़ेगा।

प्रसंग / पृष्ठभूमि

इस वर्ष टेक्नोलॉजी कंपनियों ने बाजार को आगे बढ़ाया है, विशेषकर एआई सेक्टर में जबकि वैल्यूएशन भी अत्यधिक हो गई थी।
इसलिए, जैसे-जैसे इन कंपनियों का प्रदर्शन वास्तविक अर्थ में उनकी कीमतों को नहीं सफ़ल कर रहा, निवेशकों में “बुलबुला फटने” का डर बढ़ रहा है। इस भय के बीच जब एक ओर अमेरिकी अर्थव्यवस्था ने मुद्रास्फीति व दरों को नियंत्रित करने में चुनौतियाँ पेश की हैं, दूसरी ओर एशिया में चिप-निर्माता अर्थव्यवस्थाओं पर चीन-अमेरिका व्यापार तनाव व अमेरिकी दरों का असर हो रहा है। इस संयुक्त परिदृश्य ने ग्लोबल इक्विटी बाजारों में अचानक बेचवाली की संभावना को बल दिया है।
भारत में भी इस तरह की वैश्विक तनाव स्थिति का असर देखा जा सकता है-जब वैश्विक तकनीकी शेयरों में गिरावट होगी, तो भारतीय निवेशक व फंड-हाउस सतर्क हो सकते हैं, जिससे BSE SENSEX या Nifty 50 पर भी दबाव पड़ने का जोखिम है।

स्रोत: siasat, nsnews

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।