आश्विन ने टीम प्रबंधन को लेकर उठाए सवाल
भारतीय टीम के पूर्व ऑफ-स्पिनर आर. आश्विन ने टीम प्रबंधन पर करुण नायर के साथ हुए बर्ताव को लेकर सख्त प्रतिक्रिया दी है। आश्विन का मानना है कि नायर को दो मैचों में नंबर 3 पर बल्लेबाजी के लिए उतारकर और फिर मैनचेस्टर टेस्ट में बाहर कर देने से उनका आत्मविश्वास डगमगाया है।
लेकिन आश्विन ने सई सुधर्शन की तारीफ करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, जिन्होंने नायर की जगह लेते ही पहले ही मौके पर अर्धशतक जड़ दिया। आश्विन ने सुधर्शन की तुलना दिग्गज नंबर 3 बल्लेबाजों राहुल द्रविड़ और चेतेश्वर पुजारा से भी कर डाली।
कप्तान गिल ने दिया था नायर को समर्थन
दिलचस्प बात यह है कि मैच से एक दिन पहले ही भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने करुण नायर को पूरा समर्थन दिया था। गिल ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा था, *”हमने उनके (नायर) साथ बातचीत की है। हमें लगता है कि करुण अच्छा बल्लेबाजी कर रहे हैं। पहले मैच में वे अपने नंबर पर नहीं खेल पाए। इस तरह की सीरीज में वापसी करते समय यह थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि उनकी बल्लेबाजी में कोई समस्या है।”*
तो फिर सवाल उठता है कि आखिर नायर को अचानक टीम से बाहर क्यों कर दिया गया? क्या वाकई टीम प्रबंधन ने उनके साथ न्याय नहीं किया?
सुधर्शन ने जमाया असर, नायर के भविष्य पर सवाल
सई सुधर्शन के शानदार प्रदर्शन ने शायद नायर की जगह को और पुख्ता कर दिया है। सुधर्शन ने नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए न सिर्फ अर्धशतक बनाया, बल्कि उनकी तकनीक और धैर्य ने सबका ध्यान खींचा। आश्विन जैसे अनुभवी खिलाड़ी का उनकी तुलना द्रविड़ और पुजारा से करना भी इसी ओर इशारा करता है।
लेकिन यहां सवाल नायर के भविष्य को लेकर भी उठ रहे हैं। क्या एक-दो मैच में ही किसी खिलाड़ी को आंक लेना उचित है? खासकर तब, जब कप्तान खुद उनके प्रदर्शन से संतुष्ट नजर आ रहे हों।
आश्विन की चिंता: क्या टीम प्रबंधन सही निर्णय ले रहा?
आश्विन की टिप्पणी सिर्फ नायर के मामले तक सीमित नहीं है। वह शायद इस बात को लेकर चिंतित हैं कि टीम प्रबंधन किसी खिलाड़ी को लेकर स्पष्ट रणनीति के बजाय अचानक बदलाव कर रहा है। नायर को पहले दो मैचों में नंबर 3 पर भेजा गया, जो शायद उनका प्राकृतिक स्थान नहीं था, और फिर अचानक ड्रॉप कर दिया गया।
ऐसे में, मुमकिन है कि नायर का आत्मविश्वास प्रभावित हुआ हो। आश्विन जैसे अनुभवी खिलाड़ी का यह बोलना कि *”किसी खिलाड़ी को उसकी सही पोजीशन पर न खेलने देना और फिर उसके प्रदर्शन को आधार बनाकर बाहर कर देना न्यायसंगत नहीं”*, टीम प्रबंधन के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।
आगे क्या होगा नायर का?
अब सवाल यह है कि करुण नायर का भविष्य क्या होगा? क्या उन्हें फिर से मौका मिलेगा, या सुधर्शन के प्रदर्शन ने उनके लिए रास्ता मुश्किल कर दिया है? टीम प्रबंधन की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है, लेकिन आश्विन की टिप्पणी ने इस बहस को नई दिशा दे दी है।
कहा जा सकता है कि यह केवल एक खिलाड़ी के बारे में नहीं, बल्कि टीम की चयन नीति के बारे में है। क्या भारतीय टीम प्रबंधन खिलाड़ियों को स्थिरता दे पा रहा है, या फिर अचानक बदलावों से उनके आत्मविश्वास को ठेस पहुंच रही है? यह सवाल अब गहरा होता नजर आ रहा है।