विजयवाड़ा, 08 नवंबर 2025: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री N. Chandrababu Naidu की अध्यक्षता में हुई 12वीं State Investment Promotion Board (SIPB) बैठक में 26 प्रमुख परियोजनाओं को कुल ₹1,01,899 करोड़ के निवेश के साथ मंजूरी दी गई, जो राज्य में करीब 85,570 नौकरियों के सृजन की ओर इशारा करती है।
मुख्य बातें
- निवेश मंजूरी की राशि: लगभग ₹1.01899 लाख करोड़।
- अनुमानित रोजगार सृजन: लगभग 85,570 नौकरियाँ।
- इन परियोजनाओं सहित अब तक राज्य में कुल निवेश स्वीकृत राशि: ₹8,08,899 करोड़ और रोजगार अवसर: 7,05,870।
- मुख्यमंत्री ने ज़मीनी क्रियान्वयन, भू-प्रदान, पावर सप्लाई तथा केंद्रीय एवं राज्य प्रोत्साहनों का समन्वय बढ़ाने पर जोर दिया।
- राज्य में 15 औद्योगिक-ज़ोन, और तीन मेगा-शहरों (Visakhapatnam, Amaravati, Tirupati) के विकास की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
क्या हुआ
विजयवाड़ा में आयोजित राज्य निवेश प्रवर्धन बोर्ड की 12वीं बैठक में आंध्र प्रदेश सरकार ने 26 नए उद्योग-प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिनमें विविध सेक्टर शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ MoU पर हस्ताक्षर करना पर्याप्त नहीं है – अब समय है कि जमीन पर कार्य शुरू हो। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन परियोजनाओं में जमीन आवंटित होने के बावजूद प्रगति नहीं हुई है, उन्हें पुनर्समीक्षा किया जाए।
प्रमुख तथ्य / डेटा
- निवेश स्वीकृति राशि: ₹1,01,899 करोड़।
- रोजगार की संभावना: 85,570 नौकरियाँ।
- राज्य में अब तक कुल मंजूर निवेश: ₹8,08,899 करोड़; रोजगार अवसर: 7,05,870।
- औद्योगिक विकास के लिए 15 ‘क्लस्टर-मॉडल’ औद्योगिक क्षेत्रों की योजना।
- मेगा-शहर रूपरेखा: विजाग (आँकापल्ली से विजयनगरम तक), अमरावती, तिरुपति।
- आगामी निवेश शिखर सम्मेलन: CII Partnership Summit 2025, विजायनगम/विजयवाड़ा में 14-15 नवंबर को।
बयान एवं प्रतिक्रियाएँ
मुख्यमंत्री न. चंद्रबाबू नायडू ने कहा :
“प्रस्तावित उद्योगों को शीघ्र-शीघ्र जमीन पर उतरना होगा। हमें भू-बैंक बनाने, निवेशक-भूमिको प्रोत्साहित करने तथा केंद्रीय सुविधाओं को राज्य में लाने का काम तेज करना होगा।”
उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार निवेशकों को “वन-स्टॉप” अनुमति देने की दिशा में कार्रवाई कर रही है, ताकि भू-अनुमति, पावर कनेक्शन तथा अन्य प्राथमिक आधारभूत सुविधाएँ समय पर उपलब्ध हों।
वहीं विश्लेषकों का कहना है कि ये स्वीकृतियाँ जितनी महत्वपूर्ण हैं, उतनी ही यह चुनौती है कि जितना जल्दी यह घोषणाएँ हुई हैं, उतनी ही जल्दी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना होगा; अन्यथा रद्द होने की संभावनाएँ बढ़ सकती हैं।
वर्तमान स्थिति / आगे क्या होगा
- संबंधित क्षेत्रों में भूमि आवंटन, पावर कनेक्शन तथा बुनियादी ढांचा तैयार करने की प्रक्रिया तेज होगी। मुख्यमंत्री ने इस पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया है।
- 14-15 नवंबर को विजाग में होने वाले निवेश सम्मेलन में इन 26 प्रोजेक्ट्स के नींव-शिलाओं (foundation-stone) के समारोह आयोजित होंगे।
- तीन मेगा-शहरों तथा 15 औद्योगिक-क्षेत्रों की रूपरेखा के तहत अगले 6-12 महीनों में विस्तृत मास्टर-प्लान तैयार किया जाएगा।
- उन परियोजनाओं पर निरंतर समीक्षा होगी जो अभी गति नहीं ले रही हैं – उनका अनुमोदन वापस होने का संकेत भी दिया गया है।
पृष्ठभूमि / इस घटना का महत्व
आंध्र प्रदेश ने पिछले कुछ वर्षों में निवेश आकर्षित करने की दिशा में सक्रिय कदम उठाए हैं। विशेष तौर पर “क्लस्टर-मॉडल” के तहत औद्योगिक विकास को तीव्र करने की नीति अपनाई गई है, जिससे भू-संपत्ति, पावर, लॉजिस्टिक्स एवं मानव-शक्तियों को समाहित किया जा सके। इन हालिया स्वीकृतियों का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह राज्य को औद्योगिक नक्शे पर एक प्रतिस्पर्धी विकल्प के रूप में स्थापित करती हैं।
उदाहरण के लिए, विजाग में स्थापित होने वाला Google Data Centre पहले से ही राज्य में भारी निवेश आकर्षित कर रहा है, और इसे एक गेटवे के रूप में देखा जा रहा है जिससे अन्य तकनीकी व मैन्युफैक्चरिंग निवेश राज्य में आएँगे।
इसके अलावा, इस प्रकार की बड़ी स्वीकृतियाँ रोजगार-सृजन के लिहाज़ से भी अहम हैं-यह ग्रामीण एवं अर्द्ध-शहरी इलाकों में अर्थ-व्यवस्था को गति दे सकती हैं। औद्योगिक विकास, भूमि उपयोग, श्रम-बाजार (labour market) और बुनियादी ढांचे में समन्वय ऐसे कारक हैं जिनका राज्य-व्यापी प्रभाव हो सकता है।
हालाँकि, पिछले निवेश घोषणाओं में जमीन पर धीमी प्रगति, भू-स्वामी वादी विवाद, अनुमति-प्रक्रिया में देरी जैसी चुनौतियाँ सामने आई हैं-इस लिए इस बार क्रियान्वयन-फोकस को प्राथमिकता दी गई है। या यूँ कहें कि अब “कागज़ पर निवेश” से “भूमि पर निवेश” की ओर बदलाव देखने को मिलेगा।
निष्कर्ष
आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा 26 प्रमुख परियोजनाओं को ₹1 लाख करोड़ से अधिक के निवेश के साथ स्वीकृति देना एक संकेत है कि राज्य औद्योगिक एवं निवेश एजेंडा को तेज गति देना चाहती है। राज्य के लिए अब प्रमुख चुनौती है-उक्त घोषणाओं को समयबद्ध रूप से धरातल पर उतारना। यदि इस बार भूमिकाएँ समय पर पूरी हुईं, तो निवेश व रोजगार के लक्ष्यों को पाने का रास्ता साफ होगा।





