आमल मलिक की सच्चाई: पिता दबू मलिक ने खोले दिल के राज
संगीतकार आमल मलिक अपने बेबाक विचारों के लिए जाने जाते हैं। चाहे वह इंडस्ट्री के बड़े नामों से टकराव हो या फिर संगीत उद्योग के तौर-तरीकों पर सीधी टिप्पणी, उन्होंने कभी खुद को रोका नहीं। लेकिन उनके पिता और दिग्गज संगीतकार दबू मलिक के मुताबिक, आमल की यही स्पष्टवादिता उनके संघर्षों की देन है।
15 साल की उम्र में संभाल ली थी जिम्मेदारी
दबू मलिक ने विक्की लालवानी को दिए इंटरव्यू में कहा, *”वह पहला बेटा है जिसके सामने पिता ने हार मान ली। कौन पिता अपने 15 साल के बच्चे से कहता है, ‘बेटा, मैं हार गया’? मैं घर आया, उसे गले लगाया और कहा, ‘इसके आगे मेरी गाड़ी नहीं चलेगी। तू कुछ करेगा?'”*
यह बात सुनकर शायद कोई भी हैरान हो जाए। लेकिन दबू के शब्दों में एक पिता का दर्द भी था, और गर्व भी। आमल ने महज 16 साल की उम्र में, 10वीं पास करते ही काम करना शुरू कर दिया था। और सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरे परिवार के लिए।
बचपन में देखी थी मुश्किलें
दबू आगे बताते हैं, *”उसने 10 से 15 साल की उम्र तक अपने पिता को गिरते और हारते देखा। यह एक गहरा भावनात्मक झटका था। लेकिन कोई यह नहीं देखता। सबको उसका गुस्सा और आलोचनात्मक स्वभाव दिखता है। पर यह अब उसका चरित्र बन चुका है। उसने यह फैसला लिया था।”*
शायद यही वजह है कि आमल आज भी इंडस्ट्री में किसी से डरते नहीं। चाहे टी-सीरीज के भुशण कुमार हों या कोई और, उन्होंने हमेशा अपनी बात रखी है। लेकिन इस जंगजू की छवि के पीछे का दर्द कम ही लोग जानते हैं।
परिवार का एकमात्र सहारा बना आमल
दबू के शब्दों से साफ झलकता है कि आमल ने केवल अपना करियर नहीं बनाया, बल्कि परिवार की जिम्मेदारी भी उठाई। *”वह लंबे समय तक परिवार का एकमात्र कमाऊ सदस्य रहा,”* दबू ने स्वीकार किया।
और यह कोई छोटी बात नहीं। मुमकिन है कि इसी वजह से आमल में जल्दी परिपक्वता आ गई। जहां दूसरे बच्चे खेलते-कूदते हैं, वहां उन्होंने घर चलाने की जद्दोजहद शुरू कर दी।
संघर्ष ने बनाया मजबूत
आमल की कहानी सिर्फ एक संगीतकार की कहानी नहीं। यह उस लड़के की कहानी है जिसने बचपन में ही जिम्मेदारियों का बोझ उठा लिया। दबू कहते हैं, *”हर कोई उसके विवाद देखता है, लेकिन उसके संघर्ष को नहीं।”*
तो क्या यह सच है कि आमल का कड़वापन उनके अनुभवों की देन है? शायद हां। जब कोई इतनी कम उम्र में इतना कुछ झेल ले, तो वह दुनिया को एक अलग नजरिए से देखने लगता है।
आज भी जारी है सफर
आमल आज भी संगीत इंडस्ट्री में सक्रिय हैं। उनका हर गाना, हर बयान चर्चा में रहता है। लेकिन अब शायद उनकी आलोचना करने से पहले लोग उनके संघर्ष को भी याद करेंगे।
दबू मलिक की यह बातचीत एक पिता का अपने बेटे को सलाम है। और शायद यह समझने का मौका भी कि हर कड़वे सच के पीछे कोई न कोई वजह जरूर होती है।