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एयर इंडिया पायलट्स ने सिम्युलेटर पर किए बोइंग 787 के विशेष परीक्षण, विमान ने उड़ान जारी रखी

एयर इंडिया पायलट्स ने सिम्युलेटर पर टेस्ट किए, विमान नहीं गिरा

सूत्रों के मुताबिक, एयर इंडिया के वरिष्ठ पायलटों ने बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान के सिम्युलेटर पर कुछ चुनौतीपूर्ण हालात बनाकर टेस्ट किए। इनमें ज़्यादा वजन, ऊंचे तापमान और 50 फीट की ऊंचाई पर लैंडिंग गियर डाउन होने के साथ विंग फ्लैप्स रिट्रैक्ट करने जैसी स्थितियां शामिल थीं। हैरानी की बात यह रही कि इन हालात में भी सिम्युलेटर पर विमान ने उड़ान जारी रखी।

अहमदाबाद हादसे के बाद स्वतंत्र टेस्ट

यह सिम्युलेटर टेस्ट एयर इंडिया के बोइंग 787 फ्लीट ट्रेनर्स ने खुद ही किया। कंपनी के मुंबई स्थित प्रशिक्षण केंद्र में यह सत्र हाल ही में अहमदाबाद हादसे के कुछ दिनों बाद आयोजित किया गया था। एयर इंडिया ने स्पष्ट किया कि यह पायलटों का स्वतंत्र प्रयास था और एयरलाइन का इससे कोई लेना-देना नहीं है।

क्या थी हादसे की वजह?

12 जून को अहमदाबाद में हुए इस हादसे में 260 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई थी। शुरुआती अटकलों में एक थ्योरी यह भी थी कि पायलट ने फ्लैप्स रिट्रैक्ट और गियर डाउन की स्थिति में विमान उड़ाया होगा। एक सूत्र ने बताया, “पायलटों ने ट्रेनिंग सेशन के दौरान AI 171 फ्लाइट की स्थितियों को सिम्युलेट किया। उन्होंने कुछ असामान्य हालात बनाए, जैसे ज़्यादा वजन, ऊंचा तापमान और 50 फीट पर फ्लैप्स रिट्रैक्ट करते हुए गियर डाउन रखा। सिम्युलेटर में विमान ने उड़ान जारी रखी।”

फ्लैप्स का क्या होता है रोल?

फ्लैप्स विमान के पंखों के पीछे लगे मूवेबल पैनल होते हैं, जो टेकऑफ़ और लैंडिंग के दौरान खुलते हैं। ये पंखों का सरफेस एरिया बढ़ाकर ‘लिफ्ट’ पैदा करते हैं, जिससे विमान हवा में रह पाता है। यह अतिरिक्त एयरोडायनामिक फोर्स कम स्पीड वाली उड़ान के लिए ज़रूरी होता है। क्रूज़ फ्लाइट में फ्लैप्स बंद रहते हैं, और पायलट स्थिति के हिसाब से इन्हें एडजस्ट कर सकते हैं।

कितना भयावह था हादसा?

यह भारत के सबसे भीषण विमान हादसों में से एक था। बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान, जो एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 के तहत लंदन के गैटविक एयरपोर्ट जा रहा था, अहमदाबाद के मेघानी नगर इलाके में एक मेडिकल हॉस्टल पर गिर गया। विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई, जबकि सिर्फ एक व्यक्ति बच पाया। ज़मीन पर भी कई लोग मारे गए, जिससे कुल मरने वालों की संख्या 260 तक पहुंच गई।

जांच कहां तक पहुंची?

भारत की एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (AAIB) ने 13 जून को इस हादसे की जांच शुरू की थी। इसमें अमेरिकी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB), एयर ट्रैफिक कंट्रोल ऑफिसर और एविएशन मेडिसिन विशेषज्ञ शामिल हैं। पिछले हफ्ते सरकार ने बताया कि ब्लैक बॉक्स से डेटा निकाला जा रहा है। कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर का विश्लेषण चल रहा है, ताकि हादसे की सही वजह और घटनाक्रम का पता लगाया जा सके।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

एविएशन एक्सपर्ट्स का कहना है कि सिम्युलेटर टेस्ट के नतीजे दिलचस्प हैं, लेकिन इन्हें अंतिम निष्कर्ष नहीं माना जा सकता। एक पूर्व पायलट ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “सिम्युलेटर और असल उड़ान में फर्क होता है। मुमकिन है कि हादसे के वक्त कोई और तकनीकी खराबी या मानवीय भूल रही हो।”

तो अब सवाल यह है कि आखिर वो कौन सी वजह थी जिसने इस भीषण हादसे को जन्म दिया? शायद ब्लैक बॉक्स का विश्लेषण ही इस पहेली को सुलझा पाएगा।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।