पैसे से ज़्यादा कहानी को तरजीह देते हैं आमिर खान
आमिर खान का कहना है कि उन्होंने कभी पैसों को अपनी पहली प्राथमिकता नहीं बनाया। यह बात उनके फिल्मी चुनावों से साफ झलकती है। 2008 की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘घजनी’ के बाद, जो भारतीय सिनेमा की पहली 100 करोड़ क्लब हिट थी, आमिर ने रीमा कागती की ‘तलाश’ (2012) साइन की। उन्हें पता था कि यह फिल्म उनकी पिछली हिट ‘3 इडियट्स’ (2009) की तरह 200 करोड़ या 500 करोड़ नहीं कमाएगी, लेकिन कहानी से प्यार होने के कारण उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया।
‘तलाश’ का बॉक्स ऑफिस पर प्रदर्शन
‘तलाश: द आंसर लाइज़ विदिन’ एक मुंबई पुलिस अफसर (आमिर खान) की कहानी थी, जो अपने बेटे की मौत के सदमे से उबर नहीं पा रहा है और एक सेक्स वर्कर (करीना कपूर) के साथ उसका रिश्ता बनता है। फिल्म में रानी मुखर्जी, नवाजुद्दीन सिद्दीकी और राजकुमार राव भी थे। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में आमिर ने कहा था कि ‘तलाश’ शायद 100 करोड़ का आंकड़ा भी नहीं छू पाएगी और 70 करोड़ के आसपास रुक जाएगी। हालांकि, फिल्म ने घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 90 करोड़ रुपये कमाए।
फिल्ममेकर कुणाल कोहली, जिन्होंने आमिर के साथ ‘फना’ (2006) बनाई थी, ने रेडियो नशा को बताया कि ‘तलाश’ के प्रीमियर पर उन्होंने आमिर और प्रोड्यूसर्स फरहान अख्तर-रितेश सिद्धवानी से कहा था कि फिल्म 90 करोड़ ही कमाएगी। आमिर को यह बात हैरान करने वाली लगी, लेकिन प्रोड्यूसर्स ने कोहली की ईमानदार राय की सराहना की।
थिएटर से लेकर YouTube तक का सफर
कुछ हफ्ते पहले, आमिर ने अपनी नई फिल्म ‘सितारे ज़मीन पर’ को थिएटर के बाद सीधे YouTube पर पे-पर-व्यू मॉडल पर रिलीज़ करने का ऐलान किया। यह फैसला विवादों में घिर गया, क्योंकि आमिर ने खुद पहले थिएटर और OTT के बीच 8 हफ्तों के गैप को कम बताया था। लेकिन उन्होंने फिल्म को महज 6 हफ्ते बाद ही YouTube पर डाल दिया।
इस पर आमिर ने साफ किया कि उनका मकसद हिंदी सिनेमा को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा, “मेरी वफादारी सिनेमा के प्रति है, थिएटर के प्रति नहीं। थिएटर तो सिर्फ एक माध्यम है। सिनेमा पहले आया, थिएटर बाद में। ईंट-गारे के थिएटर से पहले कपड़े के पर्दे पर फिल्में दिखाई जाती थीं।”
YouTube मॉडल पर आमिर की योजना
आमिर ने कहा कि उनकी प्रोडक्शन कंपनी की आने वाली सभी फिल्में पहले थिएटर में रिलीज़ होंगी, उसके बाद YouTube पर। वह थिएटर के अनुभव को अहम मानते हैं, लेकिन भारत में थिएटर की कम संख्या और टिकटों की ऊंची कीमतों को देखते हुए YouTube मॉडल को ज़रूरी बताया। उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि देश के दूरदराज़ के इलाकों में भी थिएटर हों, लेकिन वे सस्ते भी हों।”
उनके नए YouTube चैनल ‘आमिर खान टॉकीज़’ पर दर्शक 100 रुपये में उनकी पुरानी और नई फिल्में देख सकेंगे। आमिर ने कहा, “यह मेरी निजी सिनेमा चेन है। समझिए कि आमिर खान प्रोडक्शंस ने एक नई सिनेमा चेन खोली है, जो हर किसी के घर और जेब में है।”
OTT प्लेटफॉर्म्स को ठुकराने की वजह
आमिर ने बताया कि OTT प्लेटफॉर्म्स ने उनकी फिल्म के लिए अच्छी कीमत पेश की थी, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। उनका कहना था, “मैं OTT से 100-125 करोड़ नहीं लेना चाहता। मैं अपने दर्शकों से 100 रुपये कमाना चाहता हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत में इंटरनेट और UPI पेमेंट्स का विस्तार हो रहा है, जिससे YouTube जैसे प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए फिल्मों का वितरण बदल सकता है।
परिवार के साथ विवाद पर सफाई
इस बीच, आमिर और उनके परिवार ने भाई फैसल खान के दावों को खारिज करते हुए एक बयान जारी किया। फैसल ने आरोप लगाया था कि उन्हें ‘बंद’ करके रखा गया था। आमिर के परिवार ने कहा कि वे मां और बहन के प्रति फैसल के आरोपों से आहत हैं।
तो यह साफ है कि आमिर खान अपने फैसलों में पैसे से ज़्यादा सिनेमा और दर्शकों को तरजीह देते हैं। चाहे वह ‘तलाश’ जैसी फिल्में चुनना हो या अब YouTube के ज़रिए सिनेमा को सीधे लोगों तक पहुंचाने का नया रास्ता।