एकता कपूर और टीवी इंडस्ट्री की क्रांति: श्वेता तिवारी ने बताई 72 घंटे लगातार शूटिंग की कहानी
एक्ट्रेस श्वेता तिवारी ने याद किया टीवी का वो दौर: ’72 घंटे लगातार शूटिंग, नींद को तरस जाते थे’
भारतीय टेलीविज़न की बात हो और एकता कपूर का नाम न आए, शायद ही ऐसा हो पाए। डेली सोप्स की दुनिया में उन्होंने एक ऐसी राह बनाई जब यह जॉनर अभी शुरुआती दौर में ही था। उनके साथ काम कर चुके कलाकारों में से ज़्यादातर, जैसे कि ‘कसौटी जिंदगी के’ की श्वेता तिवारी, उनके काम और समर्पण को लेकर आज भी गहरा सम्मान रखते हैं।
हाल ही में भारती सिंह और उनके पति हर्ष लिम्बाचिया के पॉडकास्ट ‘भारती टीवी’ पर श्वेता ने अपने उस दौर के बारे में खुलकर बात की, जब वह टीवी इंडस्ट्री का चेहला हुआ करती थीं। और उन्होंने जो कहा, वह सुनकर आज के एक्टर्स शायद हैरान रह जाएं।
’30 दिन की शूटिंग, 45 दिन का पेमेंट’
श्वेता ने बताया, “हमारे समय में इंडस्ट्री की पहचान यह थी कि कोई सोता ही नहीं था। मैं 72 घंटे लगातार शूटिंग करती थी, बिना किसी ब्रेक के। 30 दिन के शेड्यूल के बाद हमें 45 दिन का पेमेंट मिलता था। इसकी वजह यह थी कि पहली शिफ्ट सुबह 7 से शाम 7 बजे तक चलती थी, और दूसरी शिफ्ट शाम 7 से रात 2 बजे तक।”
उनकी ये बातें सुनकर लगता है कि आज के दौर के कलाकारों को शायद इसकी कल्पना भी न हो। लेकिन यही वह समय था जब टीवी सीरियल्स की दुनिया में एक अलग तरह का जुनून हुआ करता था।
एकता कपूर के साथ काम करने का अनुभव
श्वेता ने एकता कपूर के बारे में बात करते हुए कहा, “उनके साथ काम करना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा। वह पर्फेक्शनिस्ट हैं, और उन्हें जो दिखाना होता है, वह बिल्कुल वैसा ही चाहिए।” लेकिन वह यह भी मानती हैं कि इसी डिमांड ने उन्हें एक बेहतर एक्ट्रेस बनाया।
“हम लोगों के पास ग़लतियों की गुंजाइश नहीं होती थी। स्क्रिप्ट याद करने से लेकर डिलिवरी तक, हर चीज़ परफेक्ट होनी चाहिए। और शायद यही वजह है कि उस दौर के शो आज भी याद किए जाते हैं,” श्वेता ने आगे कहा।
आज के समय से तुलना
आज के दौर में जहां वेब सीरीज़ और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने काम के घंटों और सुविधाओं को लेकर बड़े बदलाव किए हैं, श्वेता मानती हैं कि पहले का समय ज़्यादा कठिन था। “आज कलाकारों के पास रेस्ट करने का समय है, वे अपने काम को लेकर ज़्यादा सचेत हैं। लेकिन हमारे वक्त में तो बस काम ही काम था।”
लेकिन वह यह नहीं कहतीं कि आज का समय आसान है। बल्कि, उनका मानना है कि हर दौर की अपनी चुनौतियाँ होती हैं। “आज कॉम्पिटिशन ज़्यादा है, और एक्टर्स को खुद को बनाए रखने के लिए ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है।”
क्या बदल गया है इंडस्ट्री में?
श्वेता के मुताबिक, पहले के मुकाबले आज टीम वर्क पर ज़्यादा ध्यान दिया जाता है। “हमारे समय में डायरेक्टर या प्रोड्यूसर की बात ही सब कुछ होती थी। आज कलाकारों को भी अपनी राय देने का मौका मिलता है। यह एक अच्छा बदलाव है।”
लेकिन एक चीज़ जो नहीं बदली, वह है काम के प्रति जुनून। श्वेता कहती हैं, “चाहे पहले हो या अब, अगर आपमें जुनून नहीं है, तो आप इस इंडस्ट्री में टिक नहीं पाएंगे।”
उनकी ये बातें न सिर्फ़ टीवी इंडस्ट्री के बदलते स्वरूप को दिखाती हैं, बल्कि यह भी याद दिलाती हैं कि कैसे एक पूरा दौर अपने साथ कुछ यादें और सबक छोड़ जाता है।