विद्युत विनोद चोपड़ा की यादें: जब ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ को दक्षिण भारत में कोई नहीं चाहता था
फिल्म निर्माता विधु विनोद चोपड़ा का नाम हिंदी सिनेमा के सबसे सफल निर्माता-निर्देशकों में शुमार है। पर उनकी यह सफलता रातों-रात नहीं मिली। ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ से लेकर ’12th फेल’ तक, उनकी यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आए। और शायद यही अनुभव उनकी फिल्मों को खास बनाता है।
वह दिन जब दक्षिण के डिस्ट्रीब्यूटर ने कहा – “यह फिल्म एक दिन भी नहीं चलेगी”
चोपड़ा हाल ही में ‘क्रिएटर एक्स क्रिएटर’ शो पर बात कर रहे थे। उन्होंने याद किया कि कैसे ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ (2003) के लिए दक्षिण भारत का कोई डिस्ट्रीब्यूटर तैयार नहीं था।
“एक डिस्ट्रीब्यूटर ने फिल्म 11 लाख रुपये में खरीदी थी। उस जमाने में डिलीवरी लेने आते थे। रिलीज से चार दिन पहले वह फिल्म देखने आया। देखकर बोला, ‘सर, यह फिल्म एक दिन भी नहीं चलेगी। मुंबई से बाहर कोई इसकी भाषा नहीं समझेगा’,” चोपड़ा ने बताया।
चोपड़ा का जवाब: “पैसे वापस ले लो, पर फिल्म पर विश्वास है”
दिलचस्प बात यह है कि चोपड़ा ने उस डिस्ट्रीब्यूटर को 5 लाख रुपये का अग्रिम वापस करने की पेशकश की। “उन्होंने कहा कि अग्रिम रख लो, अगली फिल्म के लिए सिक्योरिटी के तौर पर। लेकिन मैंने मना कर दिया। मुझे फिल्म पर भरोसा था।”
लेकिन नतीजा? दक्षिण भारत में फिल्म के लिए कोई डिस्ट्रीब्यूटर नहीं बचा।
चेन्नई की एक सुबह की शो ने बदली किस्मत
चोपड़ा ने आगे बताया, “मेरे दोस्त श्याम श्रॉफ और बाला श्रॉफ की कंपनी थी। चेन्नई में एक सिनेमा हॉल था। वहां सुबह 11 बजे की एक शो मिली। मैंने प्रिंट 5 लाख में बेच दिया। और अंत में उस एक सेंटर से मेरा बिजनेस 1 करोड़ से ऊपर पहुंच गया।”
पहले दो दिन तक फिल्म को कोई नहीं देखने आया। लेकिन धीरे-धीरे यह फिल्म लोगों की जुबान पर चढ़ गई।
“मार्केटिंग नहीं, काम बोलता है”
चोपड़ा का मानना है कि अच्छा काम अपनी राह खुद बना लेता है। वह कहते हैं, “मैं मार्केटिंग के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन मुझे इसकी ज्यादा परवाह नहीं। ’12th फेल’ भी 10-30 लाख के बिजनेस से शुरू हुई। सात महीने सिनेमाघरों में चली। OTT पर आने के बाद भी लोग थिएटर में देखने गए।”
संजय दत्त का बंबइया डायलॉग बना गेमचेंजर
‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ में संजय दत्त और अरशद वारसी ने बंबइया भाषा में डायलॉग बोले थे। शायद यही उस फिल्म की खासियत बनी। आज यह फिल्म क्लासिक का दर्जा पा चुकी है।
’12th फेल’ से लेकर ‘जीरो से रीस्टार्ट’ तक
चोपड़ा की नवीनतम फिल्म ’12th फेल’ (2023) ने भी कमाल किया। विक्रांत मैसी की अगुवाई वाली यह फिल्म 56.38 करोड़ का डोमेस्टिक बिजनेस कर चुकी है। इसकी निर्माण प्रक्रिया पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘जीरो से रीस्टार्ट’ अब अमेज़न प्राइम वीडियो पर उपलब्ध है।
चोपड़ा की कहानी बताती है कि असली सफलता रातों-रात नहीं मिलती। शायद यही वजह है कि उनकी फिल्में दर्शकों के दिलों में जगह बना लेती हैं।