सेलिब्रिटी और ब्रांड एम्बेसडर: मम्मूटी का वो विवादास्पद फैसला
भारत में बड़े ब्रांड्स के लिए सेलिब्रिटी एम्बेसडर बनना कोई नई बात नहीं है। शाहरुख खान, ऐश्वर्या राय, आमिर खान से लेकर सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली या दक्षिण के सुपरस्टार यश तक – लिस्ट काफी लंबी है। शायद यही वजह थी कि 2000 के दशक की शुरुआत में जब मलयालम सिनेमा के दिग्गज मम्मूटी को कोका-कोला ने साउथ इंडिया का चेहरा बनने का ऑफर दिया, तो उन्होंने इसे तुरंत स्वीकार कर लिया। लेकिन यह फैसला जल्दी ही उनके लिए मुसीबत बन गया।
प्लाचीमाडा विवाद और राजनीतिक दबाव
उस वक्त कोका-कोला प्लाचीमाडा कांड में फंसा हुआ था। केरल के पालक्कड़ जिले में कंपनी के प्लांट को लेकर स्थानीय लोगों का विरोध जोरों पर था। पानी की कमी और प्रदूषण के आरोपों ने मामले को गर्मा दिया था। और तो और, तत्कालीन विपक्ष के नेता वी.एस. अच्युतानंदन ने भी मम्मूटी पर दबाव बनाना शुरू कर दिया।
यहाँ एक पेच था – मम्मूटी खुद मलयालम कम्युनिकेशंस लिमिटेड के चेयरमैन थे, जो सीपीआई(एम) से जुड़े केरल टीवी, केरलि न्यूज और केरलि वी जैसे चैनल्स चलाता है। पार्टी प्लाचीमाडा आंदोलन में सबसे आगे थी। ऐसे में, उनका कोका-कोला का साथ देना विरोधाभासी लग रहा था।
क्या था प्लाचीमाडा मामला?
जिन लोगों को यह कांड याद नहीं, उनके लिए संक्षिप्त जानकारी जरूरी है। 2000 से 2004 के बीच प्लाचीमाडा गाँव में कोका-कोला प्लांट के खिलाफ बड़ा आंदोलन चला। स्थानीय लोगों का आरोप था कि कंपनी ने भूजल का अत्यधिक दोहन किया, जिससे पानी का स्तर खतरनाक तरीके से नीचे चला गया। साथ ही, प्लांट से निकलने वाले कचरे ने आसपास के इलाकों को प्रदूषित कर दिया।
इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि अंततः 2004 में प्लांट को बंद करना पड़ा। लेकिन तब तक मम्मूटी के लिए स्थिति काफी असमंजस वाली बन चुकी थी।
एक्टर पर क्यों टूटा राजनीतिक गुस्सा?
वी.एस. अच्युतानंदन ने सीधे तौर पर मम्मूटी को चेतावनी दी थी। मार्क्सवादी नेता का तर्क साफ था – जब पार्टी और उसके समर्थक कोका-कोला के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं, तो पार्टी से जुड़े चैनल का चेयरमैन उसका प्रचार कैसे कर सकता है?
यह स्थिति शायद मम्मूटी ने पहले नहीं भांपी थी। एक तरफ लुभावना ब्रांड डील, दूसरी तरफ अपनी राजनीतिक जुड़ाव की जिम्मेदारी। ऐसे में, उनके लिए बीच का रास्ता निकालना मुश्किल हो गया।
क्या हुआ अंततः?
सूत्रों के मुताबिक, मम्मूटी ने जल्द ही इस डील से खुद को अलग कर लिया। हालाँकि, इस पूरे प्रकरण ने एक बड़ा सवाल खड़ा किया – क्या सेलिब्रिटीज को सिर्फ पैसे के लिए किसी भी ब्रांड का प्रचार कर देना चाहिए? खासकर तब, जब उस ब्रांड से जुड़े विवाद सामने आ चुके हों?
प्लाचीमाडा मामले ने केरल में लंबी कानूनी लड़ाई को जन्म दिया। आज भी इसके मुआवजे और पर्यावरणीय नुकसान को लेकर बहस चलती है। और मम्मूटी का यह फैसला शायद उनकी करियर की कुछ गिनी-चुनी गलतियों में शामिल हो गया।