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मोहित सूरी के 20 साल: सैय्यारा से लेकर वो लम्हे तक का संगीतमय सफर

मोहित सूरी को ‘वो लम्हे’ का पहला वर्जन सुनकर आए थे आंसू

फिल्मकार मोहित सूरी के नए रोमांटिक ड्रामा ‘सैय्यारा’ ने पांच दिन में घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 132 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है। और शायद यह उनके करियर का सबसे अच्छा पल है, क्योंकि इसी के साथ उन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में 20 साल पूरे कर लिए हैं। 2005 में ‘ज़हर’ से डायरेक्शन की शुरुआत करने वाले सूरी का फिल्मी सफर संगीत और भावनाओं से भरपूर रहा है।

ज़हर का संगीत आज भी जिंदा है

मुकेश भट्ट की विशेष फिल्म्स द्वारा निर्मित ‘ज़हर’ भले ही बॉक्स ऑफिस पर औसत रही, लेकिन इसका संगीत अमर हो गया। खासकर अतिफ असलम द्वारा गाया गीत “वो लम्हे वो बातें” आज भी प्रेमियों की पसंद बना हुआ है। लेकिन यह जानकर हैरानी होती है कि मोहित को इस गाने का पहला वर्जन बिल्कुल पसंद नहीं आया था।

“सीनियर म्यूजिक डायरेक्टर ने बर्बाद कर दिया था गाना”

हाल ही में एक बातचीत में मोहित ने खुलासा किया कि उन्होंने एक सीनियर म्यूजिक डायरेक्टर से गाने का प्रोग्रामिंग वर्जन सुना था और वह बेहद निराश हो गए। “मैं रोने लगा था, और मुकेश जी मुझ पर हंसने लगे। उन्होंने कहा, ‘रुको, तुम्हें रोने की जरूरत नहीं है। हम कुछ करेंगे।’ उस वक्त मैं सिर्फ 22-23 साल का था।”

नरेश शर्मा से मुलाकात ने बदला रास्ता

इसके बाद मुकेश भट्ट ने उन्हें वयोवृद्ध संगीतकार नरेश शर्मा से मिलवाया, जो मिथून के पिता हैं। उन्होंने बताया कि नरेश जी ने ‘आशिकी’ (1990) और ‘दिल है कि मानता नहीं’ (1991) जैसी फिल्मों के संगीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मोहित को यह जानकर प्रेरणा मिली कि संगीत किस तरह से फिल्म की आत्मा बन सकता है।

मिथून से मुलाकात और नई शुरुआत

नरेश शर्मा ने भट्ट और सूरी को अपने बेटे मिथून से मिलवाया। मिथून उस समय बैकग्राउंड स्कोर पर काम कर रहे थे। भट्ट ने सुझाव दिया कि मिथून को एक मौका देना चाहिए। मोहित ने कहा, “मैंने मिथून से कहा कि मेरे पास एक अधूरा गाना है, क्या तुम इसे अपने तरीके से बना सकते हो?” और वहीं से शुरुआत हुई “वो लम्हे वो बातें” की।

और फिर इतिहास बना

मिथून ने जब अपना वर्जन पेश किया, तो मोहित की आंखों में आंसू आ गए – इस बार खुशी के। गाना रिलीज़ हुआ और एक क्लासिक बन गया। इसके बाद दोनों ने कई सुपरहिट म्यूजिकल फिल्में कीं – ‘कलयुग’, ‘आवारापन’, ‘आशिकी 2’, और अब ‘सैय्यारा’ इस सफर की ताजा कड़ी बन चुकी है।

संगीत, भावना और रोमांस – मोहित सूरी की पहचान

मोहित सूरी का सिनेमा भावनाओं में डूबा होता है। उनका संगीत किरदारों की भावनाओं को न सिर्फ आगे बढ़ाता है, बल्कि दर्शकों को कहानी का हिस्सा भी बना देता है। 20 साल बाद भी, मोहित सूरी का सिनेमा युवाओं के दिल में वही पुरानी जगह बनाए हुए है – गहरा, भावुक और संगीत से सजीव।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।