माइक्रोसॉफ्ट यूरोपीय संघ के एआई कोड पर हस्ताक्षर करने को तैयार, मेटा ने किया इनकार
माइक्रोसॉफ्ट ने शुक्रवार को संकेत दिया कि वह यूरोपीय संघ (ईयू) के कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) नियमों के तहत बनाए गए स्वैच्छिक कोड ऑफ प्रैक्टिस पर हस्ताक्षर कर सकता है। लेकिन मेटा प्लेटफॉर्म्स ने इन दिशा-निर्देशों को खारिज कर दिया है। रॉयटर्स के साथ बातचीत में माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष ब्रैड स्मिथ ने यह जानकारी दी।
क्या है यह कोड?
13 स्वतंत्र विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए गए इस कोड का मकसद कंपनियों को कानूनी स्पष्टता देना है। हस्ताक्षरकर्ताओं को अपने जनरल-पर्पस एआई मॉडल्स के ट्रेनिंग डेटा का सारांश प्रकाशित करना होगा। साथ ही, उन्हें यूरोपीय कॉपीराइट कानून का पालन सुनिश्चित करने की नीति भी बनानी होगी।
यह कोड जून 2024 में लागू हुए एआई एक्ट का हिस्सा है। यह गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट, फेसबुक की मूल कंपनी मेटा, ओपनएआई, एंथ्रोपिक, मिस्ट्रल और हजारों अन्य कंपनियों पर लागू होगा।
माइक्रोसॉफ्ट का रुख
“मुमकिन है कि हम हस्ताक्षर करें। हमें दस्तावेजों को पढ़ना बाकी है,” ब्रैड स्मिथ ने कहा। उन्होंने आगे बताया, “हमारा लक्ष्य सहयोगात्मक तरीके से आगे बढ़ना है। साथ ही, हम ईयू के एआई ऑफिस द्वारा उद्योग के साथ सीधे संवाद की पहल का स्वागत करते हैं।”
लेकिन माइक्रोसॉफ्ट की यह सकारात्मक प्रतिक्रिया सभी टेक दिग्गजों में नहीं दिखी।
मेटा का विरोध
मेटा ने इस कोड की आलोचना करते हुए स्पष्ट कर दिया कि वह इसे स्वीकार नहीं करेगा। कंपनी के चीफ ग्लोबल अफेयर्स ऑफिसर जोएल कपलान ने लिंक्डइन पर एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा, “मेटा इस पर हस्ताक्षर नहीं करेगा। यह कोड मॉडल डेवलपर्स के लिए कानूनी अनिश्चितताएं पैदा करता है। साथ ही, यह एआई एक्ट के दायरे से कहीं आगे के उपायों की मांग करता है।”
कपलान ने दावा किया कि मेटा की चिंताएं 45 यूरोपीय कंपनियों के समूह से मेल खाती हैं। उन्होंने कहा, “हम इन व्यवसायों द्वारा उठाई गई आशंकाओं से सहमत हैं कि यह अतिरिक्त नियमन यूरोप में फ्रंटियर एआई मॉडल्स के विकास और तैनाती को रोकेगा। साथ ही, इन मॉडल्स पर व्यवसाय बनाने वाली यूरोपीय कंपनियों के विकास को भी प्रभावित करेगा।”
कौन शामिल हो रहा है?
जहां मेटा और माइक्रोसॉफ्ट के रुख में अंतर साफ दिख रहा है, वहीं ओपनएआई और मिस्ट्रल जैसी कंपनियों ने पहले ही इस कोड पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। शायद यह दिखाता है कि एआई उद्योग में नियमन को लेकर एकराय नहीं है।
आगे की राह
यूरोपीय संघ का यह कदम एआई के जिम्मेदार इस्तेमाल को सुनिश्चित करने की दिशा में एक प्रयास है। लेकिन जैसा कि मेटा के बयान से स्पष्ट है, कुछ कंपनियों को लगता है कि यह नियमन उद्योग की वृद्धि में बाधक हो सकता है। तो सवाल यह है कि क्या यह कोड एआई के विकास और नियमन के बीच सही संतुलन बना पाएगा?
अभी इस पर चर्चा जारी है। माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों का रुख संभवतः इस बात पर निर्भर करेगा कि अंतिम दस्तावेज कैसा दिखता है। वहीं, मेटा ने तो अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। आने वाले समय में और कंपनियां किस तरफ खड़ी दिखेंगी, यह देखना दिलचस्प होगा।