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क्या 3I/ATLAS धूमकेतु वास्तव में एलियन टेक्नोलॉजी है? हार्वर्ड खगोलशास्त्री का चौंकाने वाला दावा

खगोलविदों को मिला एक और रहस्यमय अंतरिक्षीय पिंड

कुछ दिन पहले खगोलविदों ने एक छोटे धूमकेतु को हमारे सौर मंडल में प्रवेश करते देखा था। लेकिन अब हार्वर्ड के एक खगोलविद का दावा है कि यह शायद कोई पत्थर का टुकड़ा नहीं, बल्कि किसी एलियन सभ्यता की तकनीक हो सकता है। इस पिंड को सबसे पहले नासा के एस्टेरॉयड टेरेस्ट्रियल-इम्पैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम (एटलस) टेलिस्कोप ने देखा था। माइनर प्लैनेट सेंटर ने इसे 3आई/एटलस नाम दिया है।

क्या यह वाकई एलियन टेक्नोलॉजी है?

हार्वर्ड के खगोलविद एवी लोएब, जिन्होंने पहले भी ओउमुआमुआ को एलियन तकनीक बताया था, ने एक नए शोध पेपर में दावा किया है कि 3आई/एटलस प्राकृतिक नहीं हो सकता। यह पेपर अभी समीक्षा के लिए प्रस्तुत किया गया है। लोएब ने यूके के इनीशिएटिव फॉर इंटरस्टेलर स्टडीज के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर लिखा है कि यह पिंड किसी शत्रुतापूर्ण एलियन सभ्यता का हो सकता है।

मीडियम पर एक ब्लॉग पोस्ट में लोएब ने लिखा, “हमें और डेटा चाहिए यह पता लगाने के लिए कि यह धूमकेतु है या एस्टेरॉयड।” उन्होंने आगे कहा कि यह वस्तु “शायद जानबूझकर हमारे सौर मंडल की तरफ भेजी गई है।”

लोएब का विवादास्पद इतिहास

लोएब एक प्रतिष्ठित खगोलविद हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों में उनके बयानों ने अक्सर सुर्खियां बटोरी हैं। वह अंतरिक्ष में मिलने वाली कई वस्तुओं को एलियन अंतरिक्षयान बताते रहे हैं। इस बार उन्होंने ‘डार्क फॉरेस्ट’ परिकल्पना का हवाला देते हुए कहा है कि ब्रह्मांड शायद एलियन सभ्यताओं से भरा है जो एक-दूसरे से छिपकर रहती हैं।

अपने सहयोगियों एडम हिबर्ड और एडम क्रोल के साथ लिखे पेपर में लोएब ने चेतावनी दी है, “अगर यह परिकल्पना सही निकली, तो मानवता के लिए परिणाम गंभीर हो सकते हैं।” हालांकि, उन्होंने यह भी माना है कि 3आई/एटलस एक प्राकृतिक पिंड भी हो सकता है।

3आई/एटलस के बारे में क्या जानते हैं?

यह एक अंतरग्रहीय वस्तु है, यानी हमारे सौर मंडल से बाहर का मेहमान। ऐसे पिंड अक्सर प्राचीन होते हैं और उन तारा प्रणालियों से निकले होते हैं जो अब शायद मौजूद भी नहीं हैं। ये हमें दूसरे ग्रह प्रणालियों के निर्माण खंडों के बारे में जानकारी दे सकते हैं।

अभी तक हमें केवल दो अंतरग्रहीय वस्तुएं ही पता हैं – 1आई/ओउमुआमुआ (2017) और 2आई/बोरिसोव (2019)। 3आई/एटलस इन दोनों से बड़ा हो सकता है, संभवतः 20 किलोमीटर तक लंबा। अगर ऐसा है, तो यह अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड किया गया अंतरग्रहीय पिंड होगा।

वैज्ञानिकों ने क्या खोजा?

जेमिनी नॉर्थ टेलिस्कोप से ली गई तस्वीरों के विश्लेषण से पता चला है कि 3आई/एटलस के बर्फीले कोर के आसपास गैस और धूल का एक घना बादल है। कुछ और अवलोकन बताते हैं कि यह हमारी आकाशगंगा के बाहरी, सघन हिस्से से आया हो सकता है। अगर यह सच है, तो यह अब तक का सबसे पुराना देखा गया धूमकेतु होगा।

क्या है इसकी यात्रा का रास्ता?

3आई/एटलस सूर्य के सबसे नजदीक लगभग 210 मिलियन किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा। दिसंबर तक यह पृथ्वी से 270 मिलियन किलोमीटर दूर होगा। अच्छी खबर यह है कि यह हमारे ग्रह के लिए कोई खतरा पैदा नहीं करेगा।

तो क्या यह वाकई कोई एलियन अंतरिक्षयान है? लोएब का दावा दिलचस्प तो है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। जैसे-जैसे और डेटा मिलेगा, हमें इस रहस्यमय पिंड के बारे में अधिक जानकारी मिल सकती है। फिलहाल, यह सवाल बना हुआ है – क्या हम वाकई ब्रह्मांड में अकेले हैं?

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।