सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट, आईटी शेयरों पर दबाव
सोमवार को शुरुआती कारोबार में बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी लुढ़क गए। आईटी शेयरों में बिकवाली और विदेशी निवेशकों के पैसा निकालने के चलते यह गिरावट देखने को मिली।
30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 232.93 अंक गिरकर 82,267.54 पर पहुंच गया। वहीं, 50 शेयरों वाले एनएसई निफ्टी ने 71.4 अंक की कमी दर्ज करते हुए 25,078.45 का स्तर छू लिया।
किन कंपनियों के शेयर प्रभावित हुए?
सेंसेक्स की कंपनियों में बजाज फाइनेंस, इंफोसिस, टेक महिंद्रा, भारती एयरटेल, एचसीएल टेक और एशियन पेंट्स सबसे ज्यादा नीचे रहे।
लेकिन कुछ कंपनियों ने बढ़त भी बनाई। ट्रेंट, एक्सिस बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एनटीपीसी में खरीदारी देखी गई।
विदेशी निवेशकों ने निकाले पैसे
एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 5,104.22 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। यह आंकड़ा चिंता बढ़ाने वाला है, क्योंकि पिछले कुछ सत्रों से एफआईआई लगातार बिकवाली कर रहे हैं।
आईटी सेक्टर में कमजोरी बनी हुई
गीजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने बताया, “निफ्टी में आईटी शेयरों की कमजोरी के चलते गिरावट का ट्रेंड बना हुआ है। यह कमजोरी और बढ़ सकती है, क्योंकि पिछले शुक्रवार को एफआईआई ने कैश मार्केट में भारी बिकवाली की थी।”
उन्होंने आगे कहा, “बाजार को उम्मीद है कि जल्द ही अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ डील हो सकती है, जिसमें भारत के लिए करीब 20 फीसदी की दर तय की जा सकती है। अगर ऐसा होता है तो बाजार को सेंटीमेंटल सपोर्ट मिलेगा। लेकिन अगर इस मोर्चे पर निराशा हाथ लगी तो बाजार और नीचे जा सकता है।”
ग्लोबल मार्केट का हाल
एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कोस्पी, शंघाई का एसएसई कंपोजिट इंडेक्स और हांगकांग का हैंग सेंग पॉजिटिव टेरिटरी में कारोबार कर रहे थे। लेकिन जापान का निक्केई 225 इंडेक्स नीचे चल रहा था।
अमेरिकी बाजारों ने भी शुक्रवार को नकारात्मक बंद किया था। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.17 फीसदी चढ़कर 70.48 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
पिछले सत्र में क्या हुआ था?
शुक्रवार को सेंसेक्स 689.81 अंक यानी 0.83 फीसदी गिरकर 82,500.47 पर बंद हुआ था। इसी तरह, निफ्टी ने 205.40 अंक यानी 0.81 फीसदी की गिरावट के साथ 25,149.85 का आंकड़ा छुआ था।
तो कुल मिलाकर देखें तो बाजार में नकारात्मक रुख बना हुआ है। शायद अगले कुछ सत्रों में भी यह अस्थिरता जारी रह सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को इस समय सतर्क रहने की जरूरत है।