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यूरोपीय संघ 2030 तक क्वांटम प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनने के लिए निजी निवेश आकर्षित करना चाहता है

यूरोपीय संघ का क्वांटम टेक्नोलॉजी पर बड़ा दांव

यूरोपीय संघ ने 2030 तक क्वांटम टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अग्रणी बनने का लक्ष्य रखा है। बुधवार को यूई टेक प्रमुख हेना विर्क्कुनेन ने इसके लिए निजी निवेश को आकर्षित करने की बात कही। मकसद साफ है – अमेरिका और चीन पर निर्भरता कम करना।

लेकिन यह आसान नहीं होगा। फिलहाल क्वांटम कंप्यूटिंग में इन दोनों देशों का दबदबा है। शायद यही वजह है कि यूई इसके लिए अलग से रणनीति पर काम कर रहा है।

क्या है क्वांटम टेक्नोलॉजी?

सरल भाषा में कहें तो यह पारंपरिक कंप्यूटिंग से कहीं आगे की तकनीक है। मैकिन्ज़ी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगले दशक तक इसका बाजार ट्रिलियन्स डॉलर्स का हो सकता है।

इसकी गति और क्षमता इतनी ज्यादा है कि अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र पर इसका प्रभाव पड़ेगा। फार्मास्यूटिकल्स से लेकर वित्तीय सेवाओं तक – हर जगह इसकी भूमिका होगी।

यूई की तैयारी क्या है?

यूरोपीय संघ की क्वांटम रणनीति में सदस्य देशों के बीच सहयोग पर जोर दिया गया है। शोध, बुनियादी ढांचे और स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने की योजना है।

विर्क्कुनेन के मुताबिक, “हमें निजी निवेशकों की जरूरत है। सार्वजनिक धन अकेले पर्याप्त नहीं होगा।” उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यूरोप को अभी लंबा सफर तय करना है।

चुनौतियां क्या हैं?

पहली बड़ी चुनौती तकनीकी है। क्वांटम कंप्यूटर बनाना आज भी बेहद जटिल प्रक्रिया है। दूसरी समस्या विशेषज्ञों की कमी है।

और फिर वित्तीय पहलू भी है। मौजूदा आर्थिक हालात में बड़े निवेश का आकर्षित करना आसान नहीं। विर्क्कुनेन ने इसे लेकर कोई गलतफहमी नहीं छोड़ी।

क्या यह संभव है?

विशेषज्ञों की राय अलग-अलग है। कुछ का मानना है कि यूरोप के पास शोध और नवाचार की मजबूत परंपरा है। अगर संसाधनों का सही इस्तेमाल हो तो लक्ष्य हासिल करना मुमकिन है।

लेकिन दूसरी तरफ, कुछ लोगों को लगता है कि समय कम है और प्रतिस्पर्धा बहुत ज्यादा। खासकर चीन इस मामले में काफी आगे निकल चुका है।

आगे की राह

यूई ने जो रणनीति बनाई है, उसमें तीन मुख्य बिंदु हैं:

– सदस्य देशों के बीच संसाधनों और जानकारी का साझा करना
– स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देना
– शोध केंद्रों को मजबूत बनाना

तो क्या यह कामयाब होगा? शायद अभी इसका जवाब देना जल्दबाजी होगी। लेकिन इतना तय है कि यूरोप इस दिशा में गंभीर प्रयास कर रहा है। अगले कुछ साल यह दिखा देंगे कि वह अपने लक्ष्य तक पहुंच पाता है या नहीं।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।