भारत ए और साउथ अफ्रीका ए के बीच दूसरे अनऑफिशियल वनडे में टकराव, आक्रामक बल्लेबाजी ने बना दिया माहौल
राजकोट से रिपोर्ट, 15 नवंबर 2025 – भारत ए और साउथ अफ्रीका ए के बीच दूसरे अनऑफिशियल वनडे की पूर्व संध्या पर जब निरंजन शाह स्टेडियम में नेट प्रैक्टिस चल रही थी, तब साफ लग रहा था कि आधुनिक क्रिकेट की रणनीतियां कितनी बदल चुकी हैं। पहले ही गेंद से बल्लेबाजों ने तड़क-भड़क वाला खेल दिखाने का संकेत दे दिया।
नेट पर पहले ही कुछ मिनटों में ही क्या क्या नज़ारे देखने को मिले। ईशान किशन रिवर्स स्वीप लगाने की कोशिश में लगे थे, नितीश कुमार रेड्डी ने एक जोरदार स्लॉग स्वीप मारा जो सीधे स्टैंड्स तक गया, और कप्तान तिलक वर्मा ने नेट गेंदबाज को इतना जोर से मारा कि गेंद मीडिया सेंटर की तरफ चली गई। नई पीढ़ी की बल्लेबाजी का ये अंदाज अब पारंपरिक बचाव से हट कर हर गेंद को मौका देने वाला हो गया है।
लेकिन सिर्फ आक्रमकता ही सब कुछ नहीं है भारत ए के खेल में। पहले मैच की परफॉर्मेंस ने ये भी दिखाया कि परिस्थिति के हिसाब से खुद को ढालना और पेसिंग करना कितना जरूरी है। रुतुराज गायकवाड़ ने इस बात का परफेक्ट उदाहरण दिया, जब उन्होंने शानदार शतक जड़ा। खास बात ये थी कि ड्यू न होनी के कारण गेंदबाजों को फायदा था, जिससे पिच थोड़ा न पढ़ने वाला लग रहा था। ऐसे में उनका शतक और भी कीमती साबित हुआ।
पहले मैच में भारत ए की बैकफुट पर पहुंचने के बावजूद 16 रन पर चार विकेट गिरने के बाद 285 रन तक पहुंचना उनकी जुझारू तस्वीर को दिखाता है। इस टोटल ने आखिरी ओवर में मिली जीत का रास्ता साफ किया।
साउथ अफ्रीका ए ने भी इस सीरीज में कड़ी लड़ाई दी है, लेकिन भारी विपक्षी fouten ने उनकी मुश्किलें बढ़ाई। खासकर फील्डिंग की चूकें- जैसे गायकवाड़ को गहरे में ड्रॉप कर देना- उनके लिए भारी पड़ गईं, साथ ही टॉप ऑर्डर की धुआंधार बैटिंग नहीं कर पाने की वजह से भी वे पिछड़ गए। मारकस अकरमैन, जो इस सीरीज में पहली बार भारत आ रहे हैं, ने माना कि यहां की परिस्थितियों में खुद को एडजस्ट करना आसान नहीं है।
रणनीतिक तौर पर भी दक्षिण अफ्रीका की टीम कुछ संघर्ष करती दिखी। उनके गेंदबाज ज़्यादातर एक जैसी लाइन और लेंथ पर ही गेंदबाजी करते रहे। चाहे फील्डर अटैकिंग पोजीशंस में हों, फिर भी स्लो बॉल या सरप्राइज बाउंसर जैसे ऑप्शन का इस्तेमाल कम हुआ। इसी वजह से भारतीय बल्लेबाज जल्दी मैच में सेट हो गए और पर्दा अपने हाथ में ले लिया।
आगे बढ़ते हुए, ऐसा लग रहा है कि दक्षिण अफ्रीका अपने टीम में बदलाव कर सकते हैं। युवा लुआन-द्रे प्रेटोरियस के बैक में आने से बल्लेबाजी को मजबूती मिल सकती है। वहीं स्पिनर प्रेनेलन सुब्रायेन को बीजॉर्न फॉरटुएन के साथ मिलाकर स्पिन पिच का फायदा उठाने की कोशिश होगी। तेज गेंदबाज लुथो सिपामला को भी शामिल किया जा सकता है ताकि गेंदबाजी में विविधता और तेज़ी आए।
वहीं भारत ए के पास उल्टा एक अच्छा “समस्या” है। पहले मैच में ओपनर आयुष बड़ोनी और प्रभसिमरन सिंह को आराम दिया गया था, जिससे कप्तान तिलक वर्मा के पास कई ऑप्शन हैं। शेक-अप की बजाय संभावना है कि टीम में रोटेशन हो।
गेंदबाजी की बात करें तो भारत ए का तेज़ गेंदबाजी तिकड़ी – अर्शदीप सिंह, प्रशिध कृष्णा और हर्षित राणा – ने पहली खेप में अपनी चालाकी दिखाई। खासकर स्लो गेंदें और चौड़े यॉर्कर ने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों की रफ्तार पर ब्रेक लगाया। उनकी अनुशासनपूर्ण गेंदबाजी और विविधता इस बार भी मैच का बड़ा हथियार साबित होगी।
सोमवार को होने वाला ये दूसरा वनडे ये तय करेगा कि क्या दक्षिण अफ्रीका ए एकजुट होकर मुकाबला कर पाएगा या फिर भारत ए अपनी आक्रामकता, योजना और फुर्तीली रणनीति की बदौलत सीरीज पर अपना दबदबा बनाए रखेगा।
खैर, क्रिकेट प्रेमियों के लिए ये कोई आम मैच नहीं। ये युवा खिलाड़ी अपनी काबिलियत और जोश से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के आने वाले ज़माने की झलक दे रहे हैं। जहां बेफिक्र अंदाज की बल्लेबाजी और मजबूत रणनीति आपस में भिड़ रही है।
अब देखना ये है कि दोनों टीमें अपनी रणनीतियों में क्या बदलाव करती हैं। क्या मेहमान टीम आखिरकार जीत का फार्मूला खोज पाएगी या फिर भारत ए के जवान खिलाड़ियों का दबदबा बरकरार रहेगा? ये मुकाबला हर मोर्चे पर दिलचस्प होगा और आने वाले मैचों का मूड भी तय कर सकता है।
मेटा डिस्क्रिप्शन: भारत ए और साउथ अफ्रीका ए के बीच दूसरे अनऑफिशियल वनडे से पहले दोनों टीमों ने आक्रामक बल्लेबाजी और रणनीतिक बदलावों से अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। मैच में कौन होगा विजयी, ये बनेगा बड़ा सवाल।





