जब कोई विपक्षी कप्तान सोचने लगे, “बुमराह जैसे गेंदबाज को कैसा रोका जाए?”, तो समझ जाइए कि मैच का रूख कहां मोड़ा जा रहा है। कल कोलकाता के ऐतिहासिक ईडन गार्डन्स में कुछ ऐसा ही हुआ। भारत के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने अपनी शानदार गेंदबाजी से दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों की उम्मीदों को ध्वस्त कर दिया और उन्होंने टेस्ट के पहले दिन पांच विकेट लेकर मैच में भारत की पकड़ मजबूत कर दी।
**बुमराह का जबरदस्त हमला**
कप्तान टेंबा बावुमा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। उनकी योजना साफ थी—पहले गेंदबाजों के शुरुआती स्फैल से बचाव करना और फिर जैसे-जैसे गेंद थकी और पिच आसान हुई, रन बढ़ाना। लेकिन बुमराह ने आते ही उस प्लान को हवा में उड़ाया। उन्होंने शुरुआत की मज़बूती के साथ। पहले ही ओवर में रयान रिकेल्टन का ऑफ स्टंप गिरा दिया और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।
खास बात ये थी कि बुमराह ने अपनी दूसरी गेंद से जो स्विंग और कॉन्ट्रोल दिखाया वह दर्शाता है कि क्यों वह दुनिया के टॉप फरस्त गेंदबाजों में गिने जाते हैं। गेंद देर से स्विंग हुई, अयडन मार्कराम से थोड़ी दूर गई और फिर बाएं हाथ के बल्लेबाज ऋषभ पंत से भी बाहर चली गई। यही देरी और कौशल बुमराह की ताकत है। उनसे चार बायज भी निकले पर ये विकेटकीपर की गलती नहीं, बल्कि गेंद की मूवमेंट का नतीजा था।
**खुद बुमराह के अल्फाज़ में**
मैच के बाद बुमराह ने कहा, “जब भी टीम की मदद करने का मौका मिलता है, अच्छा लगता है। विकेट को समझने के लिए थोड़ा वक्त लगता है, लेकिन जब बल्लेबाज की डिफेंस को मात देकर स्टंप गिरता है तो राहत मिलती है।” उनका यह बयान खेल के लंबी अवधि में धैर्य और समझदारी की अहमियत को बखूबी दर्शाता है।
उन्होंने पहले ओवरों में लंबाई के साथ प्रयोग किया और जो जगह गेंद सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती थी, वहीं निशाना साधा। यही वजह रही कि उनके तीन विकेटों ने गेंदबाजी में जलवे बिखेरते हुए दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को वापस पवेलियन भेज दिया।
**दक्षिण अफ्रीका के कोच की सराहना**
दक्षिण अफ्रीका के बैटिंग कोच एशवेल प्रिंस ने भी बुमराह की गेंदबाजी को ‘सेंसेशनल’ बताया। उन्होंने कहा कि बल्लेबाजों को उनके बेहतरीन डिलीवरी का शिकार होना पड़ा। इसके अलावा मोहम्मद सिराज की भी दूसरी गेंदबाजी कसी हुई और प्रभावशाली रही।
**इतिहास रचता बुमराह**
इस पांच विकेट वाले प्रदर्शन के साथ, बुमराह ने अपने टेस्ट करियर का 16वां फाइव विकेट हॉल हासिल किया। यह उन्हें सिर्फ 51 मैचों में मिला है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इतने कम मैचों में उन्होंने रवींद्र जडेजा (15 फाइव फर्स) को पीछे छोड़ दिया और भारतीय गेंदबाजों की सूची में पांचवें स्थान पर पहुंच गए। सिर्फ रवीचंदन अश्विन, अनिल कुंबले, हरभजन सिंह और कपिल देव के नाम उनके ऊपर हैं।
उनके विकेटों में रयान रिकेल्टन, आيدان मार्कराम (पंत के हाथों कैच), टॉनी डे ज़ॉर्ज़ी (एलबीडब्ल्यू), साइमन हार्मर (क्लीन बोल्ड) और केशव महाराज (यॉर्कर पर एलबीडब्ल्यू) शामिल थे। महाराज का विकेट उनके कुल टेस्ट विकेटों की संख्या 231 तक बढ़ा गया।
**धैर्य और रणनीति की अहमियत**
बुमराह ने बताया कि टेस्ट क्रिकेट में सब्र सबसे जरूरी चीज़ है। “सही एरिया पहचानो, वहां लगातार मारो। गेंदबाजी में धैर्य रखना पड़ता है क्योंकि छोटे मौके होते हैं, खासकर भारतीय पिचों पर जहां स्पिनरों का दबदबा होता है।” उन्होंने कहा कि पांच विकेट लेना पुरस्कार जैसा है और इस दिन का प्रदर्शन उन्हें संतुष्टि देता है।
**भारत के लिए शानदार शुरुआत, दक्षिण अफ्रीका के लिए एक चुनौती**
बुमराह की इस तबाही ने भारत को पावरफुल शुरुआत दी। अब दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों के ऊपर दबाव बढ़ गया है। उनके लिए बुमराह की गेंदबाजी को पढ़ना और उससे कैसे निपटना है, यह बड़ा सवाल होगा। बुमराह की लगातार स्विंग और बल्लेबाजों को समझने की क्षमता इस मैच की दिशा तय कर सकती है।
जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ेगा, सबकी निगाहें प्रोटियाज की प्रतिक्रिया पर रहेगी। क्या वे बुमराह की चालाकी का सीधा जवाब दे पाएंगे? या फिर बुमराह अपने रिदम को जारी रखेंगे? फिलहाल इतना तय है कि ईडन गार्डन्स के मैदान पर बुमराह का जलवा कुछ अलग ही था—उनका खेल मानो ‘अनोखा’ था।
**मेटा डिस्क्रिप्शन:**
जसप्रीत बुमराह ने ईडन गार्डन्स के पहले दिन दक्षिण अफ्रीका की पारी की धज्जियां उड़ा दी। पढ़ें कैसे भारत के ये तेज गेंदबाज बना मैच का सबसे बड़ा मैच और छोड़ा विपक्षी बल्लेबाजों को हैरान।
आपको ये याद होगा कि ऐसे मौके कम आते हैं जब एक गेंदबाज मैच का रुख अपनी गेंदबाजी से पलट दे। वह दिन कुछ ऐसा ही था।






