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भारत ने लॉन्च किया अब तक का सबसे भारी सैन्य संचार उपग्रह: CMS‑03

नई दिल्ली, 4 नवंबर: भारत के सरकारी समाचार स्रोतों के अनुसार, Indian Space Research Organisation (ISRO) ने आंध्र प्रदेश के Satish Dhawan Space Centre, श्रीहरिकोटा से रविवार शाम 5:26 बजे (IST) अपने अब तक के सबसे भारी संचार उपग्रह CMS-03 को लॉन्च कर सफल मिशन दर्ज किया।

मुख्य बातें

  • CMS-03 लगभग 4,410 किलोग्राम वज़न वाला मल्टी-बैंड सैन्य संचार उपग्रह है भारत से भूस्थिति स्थानांतरण कक्षा (GTO) में भेजा गया अब तक का सबसे भारी उपग्रह।
  • यह मिशन ISRO के हेवी-लिफ्ट लॉन्च वाहन LVM3‑M5 (जिसे ‘बहुबली’ भी कहा जा रहा है) द्वारा निष्पादित हुआ।
  • CMS-03 को विशेष रूप से Indian Navy के लिए डिजाइन किया गया है, जो भारतीय समुद्री क्षेत्र, खाड़ी, द्वीपसमूह तथा विस्तारित समुद्री परिचालन हेतु उच्च क्षमताओं वाला नेटवर्क प्रदान करेगा।
  • इस लॉन्च के बाद प्रधानमंत्री Narendra Modi ने ISRO को बधाई दी और इसे देश के अंतरिक्ष तथा रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील-का-पत्थर बताया।

क्या हुआ

पहली बार, ISRO ने 2 नवंबर को श्रीहरिकोटा के द्वितीय लॉन्च पैड से LVM3-M5 लॉन्च वाहन के माध्यम से CMS-03 को सफल रूप से GTO में स्थापित किया। ISRO ने बताया कि उपग्रह लगभग 4,400 किग्रा का है और इसे मल्टी-बैंड संचार क्षमताओं के साथ तैयार किया गया है। लॉन्च वाहन LVM3-M5 ने अपने पिछले मिशन (जैसे चंद्रयान-3) की सफलता के बाद अब भारी उपग्रहों के लिए उपयोग में लाया गया है।

प्रमुख तथ्य / डेटा

  • उपग्रह का वजन: लगभग 4,410 किग्रा, जो भारत की संचार-उपग्रह श्रेणी में अब तक का भारीतम है।
  • लॉन्च वाहन: LVM3-M5 (जिसे ‘बहुबली’ कहा गया है) – भारत का सबसे शक्तिशाली लॉन्च वाहन।
  • कक्षा: प्रारंभ में भूस्थिति स्थानांतरण कक्षा (GTO) में स्थापित किया गया।
  • उपग्रह का उद्देश्य: भारत के मुख्य भू-सागर क्षेत्र (Indian Ocean Region) और तटीय इलाकों में नौसेना एवं रक्षा संचार नेटवर्क को सुदृढ़ करना।
  • मिशन का महत्व: उपग्रह से नौसेना की समुद्री परिचालन क्षमताओं (शिप्स, पनडुब्बियाँ, विमान) को तेज और सुरक्षित नेटवर्किंग मिलेगी।

बयान एवं प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट में लिखा:

“हमारा अंतरिक्ष क्षेत्र हमें लगातार गौरवान्वित कर रहा है! ISRO को भारत के अब तक के सबसे भारी संचार उपग्रह CMS-03 के सफल लॉन्च पर शुभकामनाएँ। हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की शक्ति से यह संभव हुआ।”
वहीं ISRO ने लॉन्च के मौके पर कहा कि “CMS-03 ने शुरू से ही अधिकांश परीक्षण और श्रृंखला की आवश्यकताएँ पूरी की थीं और अब रक्षा-संचार क्षमता में नया मानदंड स्थापित करेगा।” (ISRO की प्रेस विज्ञप्ति)

वर्तमान स्थिति / आगे क्या होगा

हाल ही में लॉन्च हुआ CMS-03 अब अपनी कक्षा में स्थानांतरण और संचार परीक्षण चरण में प्रवेश करेगा। अस्थायी भूस्थिति स्थानांतरण के बाद यह स्थिर भू-स्थिति कक्षा (GEO) में स्थान ग्रहित करेगा। इसके बाद नौसेना के साथ मिलकर अमले की और मोबाइल इकाइयों में इसे सक्रिय किया जाएगा। इसके पश्चात अगले कुछ महीनों में शुरुआत होगी जहाँ भारत का समुद्री-संचार नेटवर्क (Maritime Communication Network) नई ऊँचाइयों तक जाएगा।
इसके अलावा, इस मिशन की सफलता के बाद ISRO जल्द ही अगले वर्ष तक 7 और उपग्रहों को मार्च 2026 से पहले लॉन्च करने की योजना बना रहा है इसलिए इस लॉन्च को एक श्रृंखला का प्रारम्भ माना जा रहा है।

पृष्ठभूमि / यह क्यों महत्वपूर्ण है

भारत का समुद्री क्षेत्र (Indian Ocean Region) रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है – समुद्री व्यापार, ऊर्जा मार्ग, रक्षा परिचालन के लिए यह क्षेत्र आज भी मुख्य भूमिका निभा रहा है। ऐसे में नौसेना का संचार-निजीकरण एवं रक्षा-सक्षम नेटवर्क होना बेहद आवश्यक है। CMS-03 की विधिवत तैनाती से भारत अपनी ब्लू-वॉटर नौसेना क्षमताओं को मजबूत कर रहा है। कुछ प्रमुख पृष्ठभूमिगत बिंदु:

  • भारत ने पहले भी उपग्रह जैसे GSAT‑7 और GSAT‑7A लॉन्च किए हैं, लेकिन उनका वजन एवं सेवा-क्षेत्र CMS-03 जितना व्यापक नहीं था।
  • ISRO का LVM3-M5 वाहन अब ऐसे भारी उपग्रहों को दुनिया के मानक पर लॉन्च करने में सक्षम है, जो रक्षा और नागरिक दोनों दृष्टिकोण से भारत की स्वतंत्रता और क्षमता को बढ़ाता है।
  • भविष्य में भारत की गगनयान (मानव अन्तरिक्ष मिशन) और अन्य गहन स्पेस मिशन योजनाओं को देखते हुए, भारी संचार उपग्रहों की तैनाती एक रणनीतिक आधार तैयार करती है।

इसलिए CMS-03 सिर्फ एक उपग्रह लॉन्च भर नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा-प्रौद्योगिकी और अन्तरिक्ष-संपन्नता की दिशा में एक रणनीतिक छलांग है।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।