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“मार्च 2026 तक 7 मिशन: Indian Space Research Organisation ने अपनाया महाभारी रोवरमैप, पहला बिना मानव-उड़ान G1 Mission समेत”

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), 3 नवंबर 2025: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने घोषणा की है कि वह अगले वित्तीय वर्ष (मार्च 2026 तक) के अन्त तक सात अंतरिक्ष मिस­sन लॉन्च करने का लक्ष्य निर्धारित कर चुका है। इनमें प्रमुख है मानव रहित पहली उड़ान G1 मिशन के तहत Gaganyaan कार्यक्रम का प्रारंभ।
ISRO अध्यक्ष एवं अन्तरिक्ष विभाग के सचिव V. Narayanan ने यह जानकारी श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से संवाददाताओं से कहकर दी।

मुख्य बातें

  • ISRO मार्च 2026 तक 7 मिशन पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।
  • Gaganyaan कार्यक्रम के तहत पहला बिना-मानव मिशन (G1 मिशन) इसी अवधि में पूरा करने का लक्ष्य।
  • मुख्य लॉन्च वाहिकाएँ होंगी: LVM3-M05 के बाद LVM3, तीन PSLV मिशन, एक GSLV-F17 मिशन।
  • ISRO का पांच-साल का लक्ष्य है लगभग 50 रॉकेट लॉन्च करना, जो प्रधानमंत्री के विजन से विशेष रूप से जुड़ा है।
  • Gaganyaan के लिए हार्डवेयर पहले ही श्रीहरिकोटा पहुंच चुका है और उसका एकीकरण (integration) चल रहा है।

क्या हुआ

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) से आज ISRO प्रमुख V. Narayanan ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि संगठन इस वित्तीय वर्ष (यानी अगले पाँच-छह महीनों) में कुल सात अंतरिक्ष मिशनों को लॉन्च करने की योजना बना रहा है। इस घोषणा से पहले ISRO ने सफलतापूर्वक CMS-03 संचार उपग्रह को LVM3-M05 रॉकेट से प्रक्षेपित किया था, जिसके बाद इसरो प्रमुख ने आगे की प्राथमिकताओं का खुलासा किया।

उन्होंने बताया कि Gaganyaan कार्यक्रम के तहत तीन बिना-मानव उड़ानों की योजना है जिनमें पहला “G1 मिशन” चालू वित्त वर्ष के अंत तक होगा। इसके साथ ही LVM3, PSLV और GSLV प्रकार की रॉकेट मिस­sन भी शामिल होंगी।

प्रमुख तथ्य‐डेटा

  • सात मिशनों का लक्ष्य → मार्च 2026 तक।
  • Gaganyaan कार्यक्रम: तीन बिना-मानव उड़ानें पहले, बाद में मानवयुक्त मिशन।
  • प्रमुख लॉन्चर: LVM3-M05 (पहले सफल), अगला LVM3 वाणिज्यिक उपग्रह के लिए, तीन PSLV (एक NSIL ग्राहक के लिए), एक PSLV-N1 (तकनीकी विकास मिशन) और GSLV-F17।
  • ISRO का पांच साल में 50 रॉकेट लॉन्च करने का लक्ष्य रखा गया है।
  • हार्डवेयर एकीकरण: “सभी हार्डवेयर श्रीहरिकोटा आए हैं” – नारायणन।

बयानों/प्रतिक्रियाओं

ISRO अध्यक्ष V. Narayanan ने कहा है: “हम जानते हैं कि यह आसान काम नहीं है, लेकिन टीम ISRO पूरी तरह तैयार है और हमें भरोसा है कि हम इन लक्ष्यों को समय पर हासिल कर लेंगे।
साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री Narendra Modi की महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष रणनीति से जुड़ा हुआ है, जिसमें पाँच वर्ष में 50 लॉन्च का लक्ष्य है।

वर्तमान स्थिति / आगे क्या होगा

वर्तमान में ISRO सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में Gaganyaan मिशन से जुड़ी हार्डवेयर एकीकरण प्रक्रिया में लगा हुआ है। अगली चुनौतियों में शामिल हैं:

  • G1 मिशन (पहला बिना-मानव उड़ान) की निर्धारित तिथि तक सफल प्रक्षेपण।
  • उसके बाद तीन PSLV और एक GSLV मिशन का समय-बद्ध निष्पादन।
  • वाणिज्यिक उपग्रह लॉन्चिंग गतिविधियों में वृद्धि करके NSIL (NewSpace India Ltd) के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों को सेवाएँ देना।
  • प्रस्तावित पाँच-साल के दौरान 50 लॉन्च का क्रम बनाना।

यदि ये मिशन सफल हो जाते हैं, तो ISRO न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष सेवा बाजार में अपने हिस्से को और बढ़ा सकता है। इसके विपरीत यदि कोई देरी होती है, तो लक्ष्य में संशोधन की गुंजाइश बनी रहेगी।

संदर्भ/पृष्ठभूमि

Indian Space Research Organisation भारत की प्रमुख अन्तरिक्ष एजेंसी है, जिसने पिछले वर्षों में चंद्रयान-3, आदित्य-L1 जैसे मिशनों से भूमि और सूर्य-अवलोकन में सफलता पाई है। Gaganyaan कार्यक्रम भारत के लिए पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन होगा, जिसे विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है।
इस पृष्ठभूमि में, अगले मार्च तक सात मिशन लॉन्च करने की घोषणा ISRO के अगले चरण की तैयारी और गतिशीलता को दर्शाती है। इसके साथ ही यह देश की वाणिज्यिक उपग्रह लॉन्चिंग क्षमता, निजी क्षेत्र की भागीदारी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में बढ़त को संकेत करती है।

यह रणनीति इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वैश्विक अंतरिक्ष बाजार तेजी से बढ़ रहा है और भारत को प्रतिस्पर्धी बनाकर रखने के लिए समय-सीमा के भीतर लक्ष्य हासिल करना अहम है। यदि ISRO अपने कार्यान्वयन को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा लेता है, तो आने वाले वर्षों में भारत को ‘स्पेस पावर’ के रूप में देखा जा सकता है।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।