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Directorate General of Civil Aviation (DGCA) ने Akasa Air पर गंभीर अनुपालन-लापरवाहियों का अलर्ट – एयरलाइन ने दी प्रतिक्रिया

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर 2025: भारत की नागरिक उड़ान नियामक संस्था DGCA ने नील-नील झंडे फहराते हुए Akasa Air के हालिया ऑडिट में कई “लेवल II” जैसे गंभीर अनुपालन-लापरवाहियाँ पाई हैं। एयरलाइन ने शुरुआती प्रतिक्रियाएँ देते हुए कहा है कि उन्होंने DGCA को समग्र जवाब प्रस्तुत कर दिए हैं, लेकिन यह घटना भारतीय कम-लागत वाहक की संचालन और सुरक्षा-प्रबंधन क्षमताओं पर सवाल खड़े करती है।

मुख्य बातें

  • DGCA ने Akasa Air को 21 अक्टूबर को एक नोटिस जारी किया, जिसमें अप्रैल–सितंबर 2025 के सर्विलांस डेटा के आधार पर कई सिस्टमेटिक गड़बड़ियाँ पाईं गईं।
  • लापरवाहियों में दस्तावेजी अंतराल, परिचालन मैनुअल में अद्यतन की कमी, “इक्सटेंडेड डायवर्सन टाइम ऑपरेशंस (EDTO)” नियमों का पालन नहीं और केबिन-सुरक्षा मानकों में छेद शामिल हैं।
  • एयरलाइन ने कहा है कि DGCA की यह समीक्षा “रूटीन” थी और उन्होंने समय रहते विस्तृत जवाब पेश कर दिया है।
  • इस निरीक्षण से यह संकेत मिलता है कि कम-लागत वाहक के रूप में Akasa Air को अगर स्थिर संचालन और गुणवत्ता-निगरानी नहीं मिले तो प्रतिस्पर्धा-दबाव खतरे में बदल सकता है।

क्या हुआ

DGCA ने 21 अक्टूबर को Akasa Air को एक औपचारिक नोटिस भेजा जिसमें बताया गया कि एयरलाइन के संचालन-मानक, दस्तावेजी प्रक्रिया और प्रशिक्षण मॉड्यूल में “पुनरावृत्त” रूप से तकनीकी व संचालन-गड़बड़ियाँ मिल रही हैं।
इस समीक्षा के दौरान विशेष रूप से ध्यान गया उन मार्गों की ओर जहाँ EDTO नियम लागू होते हैं-माइनर एयरपोर्ट विकल्प सीमित हों और लम्बी दूरी की फ्लाइट्स चल रही हों। DGCA ने पाया कि Akasa Air ने उस श्रेणी में अपेक्षित माप-दंड पूरी तरह स्थापित नहीं रखे।
इसके अलावा, एयरलाइन को लिथियम बैटरियों से जुड़ी हैंडलिंग गड़बड़ियों के लिए भी 9 जनवरी को एक चेतावनी पत्र भेजा गया था।

प्रमुख तथ्य / आंकड़े

  • DGCA ने Akasa Air को “लेवल II” उल्लंघनों का श्रेणीबद्ध किया है-उन्होंने इसे “संयंत्रात्मक कमजोरियों” के रूप में परिभाषित किया है न कि तुरंत खतरनाक स्थिति।
  • पिछले वर्ष भारत में कई एयरलाइंस की ऑडिट में कुल 263 सुरक्षा-लापरवाही पाई गई थीं; Akasa Air की इन लिस्टिंग-रिपोर्ट का हिस्सा अब बनी है।
  • भारत में कम-लागत वाहक के तौर पर Akasa Air तेजी से फ्लाइट नेटवर्क लगा रही है-इस प्रकार उन्हें संचालन-अनुशासन व सुरक्षा-मानकों को समान गति से बढ़ाना होगा।

बयान या प्रतिक्रियाएँ

Akasa Air ने कहा है:

“DGCA द्वारा चलायी गयी यह समीक्षा हमारी निरंतर निगरानी प्रक्रिया का हिस्सा है, हमने समय पर विस्तृत उत्तर प्रस्तुत किया है और सुधारात्मक कदम उठा रहे हैं।”
वहीं एक विमानन-विश्लेषक ने टिप्पणी की है:
“जब एक नया एयरलाइन मॉडल टेक-ऑफ कर रहा हो, तो संचालन-मानव संसाधन, प्रशिक्षण, निष्पादन और सुरक्षा-रखरखाव में फिर भी ‘पहली श्रेणी’ का फोकस होना चाहिए-जब वह कमजोर हो जाए तो बाजार-विश्वास घिसकता है।”

वर्तमान स्थिति / आगे क्या होगा

DGCA अब Akasa Air से यह उम्मीद रखेगा कि अगले निरीक्षण में इन लापरवाही-सूचियों को “पूरी तरह निराकृत” किया गया हो। एयरलाइन को पायलट-प्रशिक्षण, केबिन-सुरक्षा म्यान, दस्तावेजी अद्यतन, बैटरी-हैंडलिंग जैसे पहलुओं पर विशेष रूप से सुधार दिखाना होगा।
यदि अगले चरण में सुधार नहीं हुआ तो नियामक एयरलाइन को संचालन-अनुमति सीमित कर सकता है या जमा-अमानत बढ़ा सकता है-जो इसकी विस्तार योजना व प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति पर चोट करेगा।

पृष्ठभूमि और महत्व

भारतीय विमानन बाजार में कम-लागत वाहक (LCC) तेजी से बढ़ रहे हैं और उनका हिस्सा निरंतर बढ़ रहा है। ऐसे में सुरक्षा-मानक व संचालन-सुधार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। Akasa Air जैसी एयरलाइन के लिए जो नए मार्ग, छोटे एयरपोर्ट और लघु-वर्गीय बेड़े पर उतर रही है, परिवहन-सुरक्षा का उत्साही और विश्वसनीय रिकार्ड होना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कारोबारी नेटवर्क।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि विमानन विस्तार के साथ नीति-युक्त निगरानी, मेंटेनेंस-कल्चर और मानव-कारक-प्रशिक्षण पीछे नहीं छोड़ सकते। भारत में जब ‘वायु-सुरक्षा’ को नए मापदंड दिए जा रहे हैं, ऐसी लापरवाही उद्योग-विश्वास को कमजोर कर सकती है।

स्रोत: Siasat, TaxTMI, Business Standard

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।