18 अक्टूबर 2025: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, 3 अक्टूबर को समाप्त 14 दिनों के भीतर देश में बैंक क्रेडिट ग्रोथ में 11.38% की तेज़ बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस उछाल के पीछे GST रिफॉर्म्स, त्योहारी खरीदारी और NBFCs के बढ़ते कर्ज वितरण को अहम कारण माना जा रहा है।
त्योहारी सीजन ने बढ़ाई उधारी की रफ्तार
अक्टूबर के शुरुआती हफ्तों में ही ग्राहकों की खरीदारी बढ़ने से बैंकों और NBFCs के लिए कर्ज मांग में तेज़ उछाल देखा गया।
RBI के अनुसार, बैंकिंग सेक्टर का क्रेडिट ग्रोथ 11.38% तक पहुंच गया, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 10.5% था।
त्योहारी ऑफर्स, ऑटो लोन, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और होम लोन की बढ़ती मांग ने भी इस ग्रोथ को बल दिया है।
GST सुधार और ‘GST 2.0’ का असर
विशेषज्ञों का कहना है कि हाल में केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए GST 2.0 सुधारों ने छोटे कारोबारियों के लिए नकदी प्रवाह को आसान बनाया है।
इससे MSME सेक्टर की कार्यशील पूंजी पर सकारात्मक असर पड़ा है, जिससे इन व्यवसायों ने बैंक और NBFCs से अधिक कर्ज लिया।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, GST अनुपालन में सुधार और इनपुट टैक्स क्रेडिट के सरलीकरण ने छोटे व्यापारियों का भरोसा बढ़ाया है।
NBFCs और डिजिटल लेंडिंग में तेज़ी
NBFCs ने भी इस सीजन में कर्ज वितरण बढ़ाया है। डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स और फिनटेक ऐप्स के माध्यम से उपभोक्ताओं को तत्काल लोन उपलब्ध कराया जा रहा है।
Economic Times की रिपोर्ट बताती है कि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में NBFCs के रिटेल लोन में 15% तक की वृद्धि दर्ज की गई है।
RBI से रेपो रेट कट की उम्मीद
विश्लेषकों का मानना है कि आगामी मौद्रिक नीति बैठक में RBI एक और रेपो रेट कट कर सकता है।
SME Futures की रिपोर्ट के अनुसार, कम ब्याज दरें और मजबूत उपभोग मांग निकट भविष्य में आर्थिक वृद्धि को और गति दे सकती हैं।
हालांकि, RBI मुद्रास्फीति और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों पर नजर बनाए हुए है।
मुख्य बातें (Key Points)
- RBI डेटा के अनुसार, 14 दिनों में बैंक क्रेडिट ग्रोथ 11.38% तक पहुंचा।
- त्योहारी खरीदारी और GST सुधारों से मांग में तेज़ी आई।
- MSME सेक्टर और NBFCs ने लोन वितरण में बढ़ोतरी की।
- विशेषज्ञों को उम्मीद – RBI आगे और रेपो रेट घटा सकता है।
- डिजिटल लेंडिंग और फिनटेक ने बाजार में नकदी प्रवाह को आसान बनाया।
वर्तमान स्थिति
त्योहारी सीजन अभी जारी है, और बैंकों को उम्मीद है कि दिवाली व क्रिसमस तक लोन की मांग और बढ़ेगी।
वित्तीय विशेषज्ञों का अनुमान है कि वर्ष 2025 के अंत तक बैंकिंग सेक्टर का क्रेडिट ग्रोथ 12% से ऊपर जा सकता है, जो महामारी के बाद का सबसे ऊंचा स्तर होगा।