IPL की दुनिया में हर साल कोई न कोई नई चमकदार प्रतिभा उभरकर सामने आती है, लेकिन इस बार जो हुआ वो हर किसी के लिए चौंकाने वाला था। राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए मात्र 14 साल के वैभव सूर्यवंशी ने गुजरात टाइटन्स के खिलाफ 35 गेंदों में सेंचुरी ठोक दी और पूरे क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया।
तेंदुलकर की नज़रों में क्या खास था?
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने वैभव की इस पारी की तारीफ करते हुए कहा, “उसकी बल्लेबाजी में डर नाम की कोई चीज़ नहीं थी। उसका बैट स्पीड, लेंथ को जल्दी पढ़ना, और शॉट्स में पावर – यही उसकी कामयाबी की चाबी थी।”
वैभव IPL इतिहास में सबसे कम उम्र में शतक लगाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं, और उनकी यह पारी IPL की दूसरी सबसे तेज़ सेंचुरी भी रही।
मैदान पर धमाका, मैदान के बाहर शांति
वैभव ने मैच के बाद कहा, “मैं पिछले 3-4 महीनों से इसी तरह की बल्लेबाजी की प्रैक्टिस कर रहा हूं। मैं बाउंड्री के बारे में नहीं सोचता, बस गेंद पर फोकस करता हूं।” इतनी कम उम्र में इतनी मैच्योर सोच देखना अपने आप में खास बात है।
उनके शॉट्स में सिर्फ ताकत ही नहीं, बल्कि टाइमिंग और क्लास भी दिखी। उन्होंने इंडिया के टॉप पेसर्स और टी20 के सबसे बेहतरीन स्पिनर – राशिद खान – को भी छक्के मारकर चौंका दिया।
एक शॉट जिसने सबको हिला दिया
जब वैभव 99 पर थे, तब उन्होंने राशिद खान की शॉर्ट गेंद को पुल कर मिडविकेट के ऊपर से छक्का जड़ा और अपना शतक पूरा किया। ऐसे मौकों पर बल्लेबाज अक्सर संभलकर खेलते हैं, लेकिन वैभव ने जोखिम उठाकर दिखा दिया कि वो सिर्फ आंकड़े नहीं, आत्मविश्वास से भरे खिलाड़ी हैं।
MS धोनी की याद दिलाता बिहार का यह लड़का
वैभव ने अपना डेब्यू घरेलू क्रिकेट में बिहार के लिए किया था और कई लोग उन्हें “बिहार का अगला धोनी” कहने लगे हैं। उनकी हिटिंग रेंज, बेखौफ स्टाइल और बल्लेबाजी के प्रति जुनून धोनी के शुरुआती दिनों की याद दिलाता है।
राजस्थान रॉयल्स के कोच और पूर्व भारतीय बल्लेबाज विक्रम राठौर ने कहा, “वो नेट्स में भी किसी से डरता नहीं। जोफ्रा आर्चर जैसे गेंदबाजों को भी बखूबी खेलता है।”
इतिहास से मिली सीख: चमकते सितारे जल्द भी बुझ सकते हैं
हालांकि IPL में कई युवा सितारे आए और गए, लेकिन वैभव को अगर क्रिकेट की दुनिया में लंबे समय तक टिकना है तो उन्हें लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा। एक पारी से करियर नहीं बनता – consistency ही असली पहचान है।
वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ी भी विस्फोटक थे, लेकिन साथ में डिफेंस का हुनर भी रखते थे। अब देखना यह है कि क्या वैभव अपने खेल में संतुलन ला पाएंगे?
क्या ये भारतीय क्रिकेट का अगला चेहरा है?
भारत जैसे क्रिकेट-क्रेज़ी देश में हर कोई नए सुपरस्टार की तलाश में रहता है। वैभव सूर्यवंशी की यह पारी एक संकेत है कि भविष्य उज्ज्वल हो सकता है – लेकिन रास्ता लंबा है।
जो बात उन्हें दूसरों से अलग बनाती है, वो है उनका बिंदास रवैया और आत्मविश्वास। इस समय भारत में टैलेंट की भरमार है, लेकिन वैभव जैसे खिलाड़ी दुर्लभ होते हैं जो इतने कम उम्र में बड़े मंच पर धमाल मचा दें।