आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में दो दिग्गज कंपनियों—Nvidia और OpenAI—ने हाथ मिला लिया है। Nvidia ने घोषणा की है कि वह OpenAI में $100 अरब (लगभग ₹8.3 लाख करोड़) तक का निवेश करेगी और साथ ही अपने डेटा सेंटर चिप्स भी सप्लाई करेगी।
यह डील न सिर्फ दोनों कंपनियों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है, बल्कि पूरी AI इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा को नई दिशा देगी।
डील के मुख्य पॉइंट्स
- Nvidia और OpenAI ने Letter of Intent साइन किया है, जिसके तहत कम से कम 10 गीगावॉट Nvidia सिस्टम्स डिप्लॉय किए जाएंगे।
- Nvidia का नया Vera Rubin प्लेटफॉर्म 2026 के आखिर तक पहला गीगावॉट कंप्यूटिंग पावर उपलब्ध कराएगा।
- डील पूरी होने के बाद Nvidia, OpenAI में गैर-वोटिंग शेयरों में $10 अरब का शुरुआती निवेश करेगी।
- इस निवेश से OpenAI को उन्नत चिप्स खरीदने और अपनी AI क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
OpenAI के लिए क्यों अहम है यह डील?
OpenAI पहले से ही Nvidia के चिप्स का बड़ा ग्राहक है। अब इस डील के बाद उसे लंबे समय तक स्थिर सप्लाई और वित्तीय मदद मिलेगी। इसके जरिए OpenAI नई AI तकनीक विकसित करने और अपने प्रोडक्ट्स को और बड़े स्तर पर स्केल करने की योजना बना रहा है।
OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने कहा,
“भविष्य की अर्थव्यवस्था का आधार कंप्यूटिंग पावर होगी। Nvidia के साथ मिलकर हम नई AI ब्रेकथ्रू बनाएंगे और उन्हें ग्लोबल स्तर पर लोगों व बिज़नेस तक पहुँचाएंगे।”
Nvidia और AI मार्केट पर असर
- Nvidia के शेयर इस घोषणा के बाद 4.4% तक बढ़कर ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गए।
- Oracle के शेयर भी करीब 6% उछले, क्योंकि वह OpenAI और Microsoft के साथ $500 अरब के Stargate प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है।
- विशेषज्ञों का मानना है कि यह साझेदारी Nvidia की चिप मोनोपॉली को मजबूत कर सकती है और AMD जैसे प्रतिस्पर्धियों के लिए मुश्किलें बढ़ा सकती है।
नियामक और एंटी-ट्रस्ट चिंताएं
इतना बड़ा निवेश अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) और फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC) का ध्यान भी खींच सकता है। हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन फिलहाल AI सेक्टर में बिज़नेस-फ्रेंडली नजरिया अपना रहा है, जिससे Nvidia और OpenAI के लिए यह डील आसान हो सकती है।
इंडस्ट्री में बड़े बदलाव
- Microsoft पहले ही OpenAI में अरबों डॉलर का निवेश कर चुका है।
- Nvidia हाल ही में Intel के साथ AI चिप्स पर साझेदारी कर चुका है।
- OpenAI, Broadcom और TSMC के साथ अपने AI चिप्स पर भी काम कर रहा है, ताकि Nvidia पर निर्भरता कम की जा सके।