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सॉफ्टबैंक का इंटेल में 2 अरब डॉलर का निवेश: AI और सेमीकंडक्टर बाजार में बड़ी उम्मीद

इंटेल को सॉफ्टबैंक से मिला 2 अरब डॉलर का निवेश

अमेरिकी चिप निर्माता कंपनी इंटेल को जापान की सॉफ्टबैंक ग्रुप से 2 अरब डॉलर (करीब 16,700 करोड़ रुपये) का निवेश मिला है। यह निवेश इंटेल के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि कंपनी पिछले कुछ सालों से कई चुनौतियों का सामना कर रही है। इस कदम से सॉफ्टबैंक ने न सिर्फ इंटेल पर भरोसा जताया है बल्कि अमेरिकी सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में अपनी सक्रिय भूमिका भी स्पष्ट की है।


राजनीतिक हलचलों के बीच निवेश

यह खबर उस समय आई है जब मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि अमेरिकी सरकार भी इंटेल में हिस्सेदारी खरीदने पर विचार कर रही है। यह चर्चा तब तेज हुई जब इंटेल के नए सीईओ लिप-बू टैन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात हुई थी।

हालांकि सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि सॉफ्टबैंक का यह निवेश ट्रंप प्रशासन की चर्चाओं से सीधे तौर पर जुड़ा नहीं है। व्हाइट हाउस ने इस मामले में अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।


निवेश की शर्तें और प्रतिक्रियाएं

सॉफ्टबैंक ने इंटेल के शेयर 23 डॉलर प्रति शेयर की दर से खरीदने का फैसला किया है, जो सोमवार के क्लोजिंग प्राइस (23.66 डॉलर) से थोड़ा कम है। यह निवेश नए शेयरों के जारी करने के जरिए होगा और इसके बाद सॉफ्टबैंक इंटेल में लगभग 2% हिस्सेदारी रखेगा।

एलएसईजी डेटा के अनुसार, सॉफ्टबैंक इंटेल का छठा सबसे बड़ा शेयरधारक बन जाएगा। खबर आने के बाद जहां इंटेल के शेयर आफ्टर-मार्केट ट्रेडिंग में 5.6% उछले, वहीं सॉफ्टबैंक के शेयर मंगलवार को 5% से ज्यादा गिर गए

सॉफ्टबैंक के सीईओ मासायोशी सॉन ने कहा—

“यह रणनीतिक निवेश हमारे विश्वास को दर्शाता है कि अमेरिका में सेमीकंडक्टर निर्माण और आपूर्ति का विस्तार होगा, और इसमें इंटेल की अहम भूमिका रहेगी।”


इंटेल की मुश्किलें

पिछले कुछ वर्षों से इंटेल कई मोर्चों पर कमजोर साबित हो रही है। कंपनी ने 2024 में 18.8 अरब डॉलर का भारी नुकसान दर्ज किया, जो 1986 के बाद से पहला सालाना घाटा था।

इंटेल का पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी एएमडी लगातार मार्केट शेयर बढ़ा रहा है, खासकर पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर चिप्स के क्षेत्र में।

इसके अलावा, इंटेल का महत्वाकांक्षी फाउंड्री बिजनेस प्लान भी ताइवान की टीएसएमसी से टक्कर लेने में अब तक सफल नहीं रहा है। हाल ही में कंपनी ने अपने कॉन्ट्रैक्ट चिप निर्माण बिजनेस में बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं ताकि बड़े ग्राहकों को आकर्षित किया जा सके।

सैक्सो बैंक की चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट चारू चनाना का कहना है—

“इंटेल, जो डिजाइनर और निर्माता दोनों की भूमिका निभाती है, अमेरिका में टीएसएमसी से मुकाबला करने के लिए सबसे बेहतर विकल्प बन सकती है।”


सॉफ्टबैंक की बड़ी दांव

सॉफ्टबैंक ने इस साल एआई और तकनीकी क्षेत्र में कई बड़े निवेश किए हैं। इनमें ओपनएआई में 30 अरब डॉलर का निवेश और 500 अरब डॉलर का स्टारगेट डेटा सेंटर प्रोजेक्ट शामिल है।

इंटेल में निवेश इसी सिलसिले की ताजा कड़ी है। इसी दिन ताइवान की फॉक्सकॉन ने भी घोषणा की कि वह ओहायो में अपनी पुरानी ईवी फैक्ट्री को बदलकर सॉफ्टबैंक के साथ मिलकर डेटा सेंटर उपकरण बनाएगी, जो स्टारगेट प्रोजेक्ट का हिस्सा होगा।


आगे की राह

सॉफ्टबैंक का यह निवेश इंटेल को वित्तीय और रणनीतिक मजबूती जरूर देगा। लेकिन कंपनी को अभी भी कई चुनौतियों का सामना करना होगा।

  • सेमीकंडक्टर बाजार में प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ रही है।

  • एएमडी और टीएसएमसी जैसी कंपनियां पहले से मजबूत स्थिति में हैं।

  • इंटेल को अपने प्रोडक्ट रोडमैप और क्लाइंट बेस पर तेजी से काम करना होगा।

फिलहाल यह निवेश इंटेल को नई ऊर्जा जरूर देगा, लेकिन आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह साझेदारी कंपनी को लंबे समय में वैश्विक सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में फिर से शीर्ष पर ला पाएगी या नहीं।

अमित वर्मा

फ़ोन: +91 9988776655 🎓 शिक्षा: बी.ए. इन मास कम्युनिकेशन – IP University, दिल्ली 💼 अनुभव: डिजिटल मीडिया में 4 वर्षों का अनुभव टेक्नोलॉजी और बिजनेस न्यूज़ के विशेषज्ञ पहले The Quint और Hindustan Times के लिए काम किया ✍ योगदान: HindiNewsPortal पर टेक और बिज़नेस न्यूज़ कवरेज करते हैं।