एलन मस्क और सैम अल्टमैन के बीच तकनीकी जंग तेज
एलन मस्क के xAI द्वारा एंटीट्रस्ट नियमों के उल्लंघन के लिए एप्पल पर कानूनी कार्रवाई की धमकी देने के एक दिन बाद, ओपनएआई के सीईओ सैम अल्टमैन ने मस्क पर जमकर हमला बोला है। अल्टमैन का कहना है कि मस्क एक्स (पूर्व में ट्विटर) का इस्तेमाल “खुद और अपनी कंपनियों को फायदा पहुंचाने और प्रतिद्वंद्वियों को नुकसान पहुंचाने” के लिए कर रहे हैं।
यह टिप्पणी मस्क के उस पोस्ट के जवाब में आई है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि एप्पल ने “ओपनएआई के अलावा किसी भी एआई कंपनी के लिए ऐप स्टोर में नंबर वन पोजीशन पाना नामुमकिन बना दिया है।”
क्या वाकई मस्क एक्स को मनमाने ढंग से चला रहे हैं?
अल्टमैन ने अपनी बात को साबित करने के लिए प्लेटफॉर्मर की एक रिपोर्ट का लिंक भी शेयर किया, जिसका शीर्षक था – “हां, एलन मस्क ने आपको अपने ट्वीट्स सबसे पहले दिखाने के लिए एक खास सिस्टम बनाया है।” यह टकराव दोनों तकनीकी दिग्गजों के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवादों की एक नई कड़ी भर है।
दरअसल, 2018 में ओपनएआई के बोर्ड से इस्तीफा देने के बाद से ही मस्क और अल्टमैन एआई सुरक्षा और व्यावसायिक रणनीति को लेकर अक्सर आमने-सामने आते रहे हैं। एक समय तो मस्क ने ओपनएआई के नॉन-प्रॉफिट हिस्से को खरीदने की कोशिश भी की थी, लेकिन वह योजना कामयाब नहीं हो पाई।
एप्पल पर उंगली उठाने के पीछे क्या है मस्क का इरादा?
दिलचस्प बात यह है कि मस्क ने एप्पल पर एंटीट्रस्ट नियमों का उल्लंघन करने का आरोप तो लगाया, लेकिन इस दावे को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत पेश नहीं किए। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि एप्पल एक्स या ग्रोक को ऐप स्टोर के ‘मस्ट हैव’ सेक्शन में शामिल करने से इनकार कर रहा है, भले ही एक्स दुनिया का नंबर वन न्यूज ऐप है और ग्रोक टॉप फाइव में शामिल है।
अगर आंकड़ों की बात करें, तो अमेरिका में आईफोन के लिए ऐप स्टोर के ‘टॉप फ्री ऐप्स’ सेक्शन में ओपनएआई का चैटजीपीटी पहले नंबर पर है, जबकि ग्रोक पांचवें स्थान पर है। मस्क के ये आरोप ऐसे समय में आए हैं, जब एक अमेरिकी जज ने एप्पल को कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने का दोषी पाया है।
एप्पल का एंटीट्रस्ट विवादों का लंबा इतिहास
इस साल अप्रैल में यूरोपीय संघ की एंटीट्रस्ट संस्था ने भी एप्पल पर 50 करोड़ यूरो का जुर्माना लगाया था। आरोप था कि कंपनी ने ऐप डेवलपर्स के लिए “तकनीकी और वाणिज्यिक प्रतिबंध” लगाए हैं, जिससे वे ऐप स्टोर के बाहर वैकल्पिक भुगतान प्रणालियों की ओर रीडायरेक्ट नहीं हो पाते।
तो क्या मस्क के आरोपों में कोई दम है? शायद। लेकिन यह भी सच है कि एप्पल पर मोनोपॉली के आरोप नए नहीं हैं। कंपनी पहले भी कई बार विवादों में घिर चुकी है। फिलहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नया विवाद किस ओर मुड़ता है। क्या एप्पल को अपनी नीतियों में बदलाव करना पड़ेगा? या फिर मस्क और अल्टमैन के बीच की यह तकरार और भी गहराएगी?