एक उल्कापिंड जो पृथ्वी से भी पुराना है
अटलांटा, जॉर्जिया में एक घर की छत से टकराने वाला उल्कापिंड हमारी पृथ्वी से भी पुराना है। यह दावा है यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया के प्लैनेटरी जियोलॉजिस्ट स्कॉट हैरिस का, जिन्होंने इस उल्कापिंड के एक टुकड़े की जांच की। उनके मुताबिक, यह अंतरिक्ष से आया पत्थर करीब 4.56 अरब साल पुराना है, जो पृथ्वी से लगभग 20 लाख साल ज्यादा उम्र का है।
कहां से आया यह उल्कापिंड?
स्कॉट हैरिस, जो यूजीए के फ्रैंकलिन कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज में भूविज्ञान विभाग के शोधकर्ता हैं, ने बताया कि इस उल्कापिंड का इतिहास काफी लंबा है। उन्होंने कहा, “इसे पूरी तरह समझने के लिए हमें यह जानना होगा कि यह चट्टान किस समूह से ताल्लुक रखती है।”
जांच के बाद पता चला कि यह उल्कापिंड मंगल और बृहस्पति के बीच स्थित मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट का हिस्सा था। हैरिस के अनुसार, यह करीब 47 करोड़ साल पहले किसी बड़े क्षुद्रग्रह के टूटने से बना होगा। वक्त के साथ, इसके कुछ टुकड़े पृथ्वी की कक्षा में आ गए और आखिरकार यह जॉर्जिया के मैकडोनोह शहर में जा गिरा।
छोटा टुकड़ा, बड़ी कहानी
हैरिस ने उल्कापिंड के कुल 50 ग्राम के टुकड़ों में से 23 ग्राम की जांच की। यह टुकड़ा चेरी टमाटर के आकार का था और यह एक घर की छत से टकराकर अंदर फर्श तक धंस गया था। ऑप्टिकल और इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी की मदद से पता चला कि यह एक कॉन्ड्राइट उल्कापिंड है, जो कार्बन, पानी और मिट्टी जैसे पदार्थों से भरपूर होता है। नासा के मुताबिक, कॉन्ड्राइट्स सबसे आम प्रकार के पत्थरीले उल्कापिंड होते हैं।
नाम होगा ‘मैकडोनोह उल्कापिंड’
हैरिस और एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के उनके साथियों ने इस उल्कापिंड को ‘मैकडोनोह उल्कापिंड’ नाम देने का प्रस्ताव रखा है, क्योंकि यह जॉर्जिया के इसी शहर में गिरा था। उनकी रिपोर्ट मेटियोरिटिकल सोसाइटी के नामकरण समिति को भेजी जाएगी।
यह जॉर्जिया के इतिहास में मिला 27वां उल्कापिंड है और छठा ऐसा मामला है, जिसके गिरते हुए देखा गया। हैरिस ने कहा, “पहले ऐसा हर कुछ दशकों में होता था, लेकिन अब पिछले 20 साल में कई बार ऐसा हुआ है। आधुनिक तकनीक और जागरूक लोगों की वजह से हम ऐसे और उल्कापिंड ढूंढ पाएंगे।”
पृथ्वी के निर्माण में उल्कापिंडों की भूमिका
वैज्ञानिकों का मानना है कि उल्कापिंडों ने हमारे सौर मंडल के निर्माण में अहम भूमिका निभाई है। पृथ्वी का निर्माण करीब 4.5 अरब साल पहले हुआ था, और उस समय यह उल्कापिंडों, धूमकेतुओं और अन्य अंतरिक्षीय पदार्थों की बमबारी झेल रही थी।
पिछले जून में अमेरिकन मीटियर सोसाइटी को दक्षिण-पूर्वी अमेरिका में आकाश में एक आग के गोले की सूचना मिली थी। नासा ने पुष्टि की कि यह उल्कापिंड बूटिड्स उल्का वर्षा के दौरान पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश किया था। लेकिन उसी समय जॉर्जिया के हेनरी काउंटी के एक निवासी ने बताया कि एक पत्थर उनकी छत से टकराया था, जिसे अब मैकडोनोह उल्कापिंड के नाम से जाना जा रहा है।
टकराते हुए कैसा लगा होगा?
हैरिस ने अनुमान लगाया कि जिस घर में यह उल्कापिंड गिरा, उसके मालिक ने शायद तीन आवाजें एक साथ सुनी होंगी। उन्होंने कहा, “एक आवाज छत से टकराने की, दूसरी सोनिक बूम की और तीसरी फर्श पर गिरने की। इतनी ताकत थी कि यह फर्श पर गिरकर धूल के कणों में तब्दील हो गया।”
इस घटना ने एक बार फिर यह याद दिला दिया है कि हमारे आसपास का अंतरिक्ष कितना सक्रिय है। और हो सकता है कि आने वाले समय में ऐसी और घटनाएं हमें हैरान कर दें।