चंडीगढ़ निवासी रत्तन ढिल्लों का आरोप है कि गोवा के डाबोलिम एयरपोर्ट पर उनकी लगेज का वजन तीन अलग-अलग मशीनों पर अलग-अलग निकला, लेकिन सबसे ज्यादा वजन के आधार पर उनसे एक्स्ट्रा चार्ज वसूला गया।
गोवा एयरपोर्ट पर इंडिगो एयरलाइंस और एक यात्री के बीच विवाद ने सोशल मीडिया पर तूल पकड़ लिया है। चंडीगढ़ के रहने वाले रत्तन ढिल्लों ने दावा किया है कि एयरपोर्ट की बैगेज वेट मशीनें “गलत” थीं, जिनके चलते उनसे ₹11,900 का अतिरिक्त शुल्क लिया गया, जिसमें ₹1,500 की छतरी का शुल्क भी शामिल था।
ढिल्लों ने 4 अगस्त को इंडिगो की फ्लाइट 6E724 से गोवा से चंडीगढ़ की यात्रा की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर अपनी आपबीती शेयर की। पोस्ट में उन्होंने बताया कि एक ही बैग का वजन तीन अलग-अलग बेल्ट पर 18 किलो, 16 किलो और 15 किलो आया, लेकिन इंडिगो स्टाफ ने 18 किलो को सही मानते हुए उनसे अधिक शुल्क वसूल लिया।
“जब मैंने पूछा कि एक ही बैग का वजन अलग-अलग क्यों आ रहा है, तो जवाब मिला – ’15 किलो वाली मशीन गलत है, 18 किलो सही है’,” ढिल्लों ने लिखा।
One of the biggest unnoticed scams by IndiGo is the inconsistent weighing scales at their check-in counters.
— Rattan Dhillon (@ShivrattanDhil1) August 5, 2025
Yesterday, while boarding flight 6E724 from Goa to Chandigarh, my bag showed 18 kg on one belt, 16 kg on another, and 15 kg on a third.
When I questioned the… pic.twitter.com/L6wOQFIway
उन्होंने यह भी कहा कि होटल से निकलते समय उनके बैग का वजन सिर्फ 15 किलो था। सोशल मीडिया पर उनके पोस्ट के साथ ही वजन मशीन की तस्वीर और टिकट की तस्वीर भी वायरल हो गई, जिससे बहस और तेज हो गई।
यात्री ने इसे “दिन-दहाड़े लूट” करार दिया और कहा कि इंडिगो को इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
✈️ इंडिगो और एयरपोर्ट प्रशासन का जवाब:
इंडिगो ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि उनके सभी बैगेज वेटिंग सिस्टम को नियमित रूप से कैलिब्रेट और चेक किया जाता है। एयरलाइन ने दावा किया कि ढिल्लों और उनके दो अन्य सहयात्रियों का कुल लगेज 52 किलो था, जबकि तीन यात्रियों के लिए अनुमति सिर्फ 45 किलो की थी। ऐसे में अतिरिक्त शुल्क नियमों के अनुसार ही वसूला गया।
गोवा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट अथॉरिटी ने भी इंडिगो का समर्थन करते हुए कहा कि सभी वजन मशीनों को लीगल मेट्रोलॉजी डिपार्टमेंट द्वारा सालाना प्रमाणित किया जाता है।
हालांकि, ढिल्लों का यह पोस्ट अब देशभर में यात्रियों के अधिकारों और एयरलाइंस की पारदर्शिता को लेकर नई बहस छेड़ चुका है। लोग अब मांग कर रहे हैं कि वजन मशीनें यात्रियों के सामने खुली और पारदर्शी हों तथा स्वतंत्र ऑडिट भी कराए जाएं।