क्रुत्रिम में दूसरी बार छंटनी, 100 से अधिक कर्मचारी प्रभावित
ओला के संस्थापक भाविश अग्रवाल की एआई कंपनी क्रुत्रिम ने इस साल दूसरी बार छंटनी की है। कंपनी के भाषाविज्ञान विभाग के कई कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 100 से ज़्यादा कर्मचारी इस छंटनी से प्रभावित हुए हैं। कंपनी का कहना है कि यह कदम “लीनर और अधिक चुस्त टीम” बनाने की रणनीति का हिस्सा है।
कंपनी का बयान: ‘व्यवसायिक प्राथमिकताओं में बदलाव’
क्रुत्रिम के प्रवक्ता ने द इंडियन एक्सप्रेस को दिए बयान में कहा, “रणनीतिक पुनर्गठन और पूंजी के कुशल उपयोग के तहत हम छोटी, फुर्तीली टीमें बना रहे हैं। यह बदलाव हमारे व्यवसायिक प्राथमिकताओं और भारत का अपना फुल-स्टैक एआई प्लेटफॉर्म बनाने के दीर्घकालिक लक्ष्य से जुड़ा है।” हालाँकि, कंपनी ने छंटनी के सटीक आँकड़ों की पुष्टि नहीं की। उन्होंने मीडिया से “असत्यापित रिपोर्ट्स” नहीं छापने की अपील भी की।
भाषाविदों की भूमिका और एआई एजेंट ‘कृति’
रिपोर्ट्स के अनुसार, क्रुत्रिम ने तमिल, ओडिया, तेलुगू और मराठी सहित कम से कम 10 भारतीय भाषाओं में अपने एआई मॉडल को ट्रेन करने और उसकी प्रतिक्रियाओं का मूल्यांकन करने के लिए भाषाविदों को नियुक्त किया था। कंपनी की भाषाई टीम में 600 से अधिक लोग शामिल थे। लेकिन जून में, एआई एजेंट ‘कृति’ के लॉन्च के बाद दर्जनों भाषाविदों की भूमिकाएँ खत्म कर दी गईं।
कृति एक स्वायत्त एजेंट है जो ओला प्लेटफॉर्म पर कैब बुक करने और खाना ऑर्डर करने में सक्षम है। कंपनी का इरादा इसे उबर, ज़ोमैटो और स्विगी जैसे प्रतिस्पर्धी प्लेटफॉर्म्स पर भी सक्षम बनाने का है।
भारत की एआई दौड़ में शामिल होने की कोशिश
इस साल की शुरुआत में, क्रुत्रिम ने कुछ “ओपन-सोर्स” एआई मॉडल जारी किए थे। अग्रवाल का लक्ष्य है कि भारत, अमेरिका और चीन के वर्चस्व वाली एआई दौड़ में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराए। कंपनी ने 230 मिलियन डॉलर का निवेश भी हासिल किया है, और 2026 तक अतिरिक्त 1.15 बिलियन डॉलर जुटाने की योजना है।
क्रुत्रिम एआई लैब्स और अनुसंधान का लक्ष्य
अग्रवाल ने क्रुत्रिम एआई लैब्स की भी घोषणा की है, जो फ्रंटियर एआई रिसर्च पर काम करेगी। कंपनी के आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, इसका उद्देश्य “भारत के पहले फ्रंटियर-स्केल एआई मॉडल्स का विकास करना, मल्टीमॉडल एआई सिस्टम बनाना और न्यूरआईपीएस, आईसीएमएल जैसे शीर्ष सम्मेलनों में शोध प्रकाशित करना” है।
एक कर्मचारी की मौत और विवाद
पिछले मई में, क्रुत्रिम के एक मशीन लर्निंग इंजीनियर, निखिल सोमवंशी, का बेंगलुरु में निधन हो गया था। सोशल मीडिया पर आरोप लगे कि 25 साल के इस कर्मचारी ने “काम के दबाव” के चलते आत्महत्या की। लेकिन कंपनी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि निखिल उस समय “पर्सनल लीव” पर थे।
तो यह स्थिति है। क्रुत्रिम एक तरफ तो भारत की एआई महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ छंटनी और आंतरिक चुनौतियों से जूझ रहा है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी अपने लक्ष्यों को कैसे पूरा करती है।