कमिने को 16 साल: प्रियंका चोपड़ा और विशाल भारद्वाज की यादें
विशाल भारद्वाज के करियर में कई उम्दा फिल्में हैं, लेकिन 2009 में आई ‘कमिने’ का अपना ही एक मजबूत फैनबेस है। शायद यह फिल्म अपने लिखने, निर्देशन और अदाकारी की वजह से आज भी याद की जाती है। शाहिद कपूर और प्रियंका चोपड़ा की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म को 16 साल पूरे हो गए हैं, और इस मौके पर फैंस ने सोशल मीडिया पर अपना प्यार जताया।
लेकिन सबसे खास थी प्रियंका चोपड़ा की पोस्ट। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक लंबा संदेश लिखकर फिल्म के दौरान की यादें ताजा कीं। विशाल भारद्वाज ने भी जवाब दिया, और यह एक मीठी सी वर्चुअल मुलाकात में बदल गया।
‘मैंने सोचा भी नहीं था कि वो मुझे चुनेंगे’
प्रियंका ने बताया कि विशाल का फोन उन्हें तब आया था जब वह मियामी में ‘दोस्ताना’ की शूटिंग कर रही थीं। उन्हें यह बात हैरान करने वाली लगी, क्योंकि वह खुद को एक ‘कमर्शियल एक्टर’ मानती थीं। उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा उनके साथ काम करने की इच्छा रखी, लेकिन यह सोचा नहीं था कि वह मुझे चुनेंगे।”
विशाल उनसे मिलने मियामी तक गए। प्रियंका को लगा कि उनकी भूमिका में सिर्फ आठ सीन हैं, लेकिन विशाल ने कहा, “हम मिलकर इसे और बड़ा बना देंगे। मुझ पर भरोसा रखो।” और प्रियंका ने भरोसा किया।
स्वीटी भोपे का किरदार और चुनौतियाँ
फिल्म में प्रियंका ने स्वीटी भोपे का रोल निभाया था। यह कोई साधारण किरदार नहीं था। महाराष्ट्र की स्थानीय भाषा, उसका स्वभाव, और फिल्म का पूरा टोन एक चुनौती था। लेकिन प्रियंका ने इसे बखूबी निभाया।
उन्होंने लिखा, “यह मेरे करियर का एक टर्निंग पॉइंट था। विशाल सर ने मुझे एक अलग ही दिशा दिखाई।” शायद यही वजह है कि आज भी फैंस स्वीटी भोपे को याद करते हैं।
विशाल भारद्वाज का जवाब
प्रियंका की पोस्ट के बाद विशाल भारद्वाज ने भी कमेंट किया। उन्होंने लिखा, “तुमने स्वीटी को जिस तरह से जिया, वह अद्भुत था। तुम्हारी मेहनत और लगन के बिना यह फिल्म वैसी नहीं बन पाती।”
यह बातचीत दो पुराने सहयोगियों की दोस्ती की तरह लगी। दोनों ने एक-दूसरे के लिए सम्मान और स्नेह जताया।
फैंस की प्रतिक्रिया
फैंस ने भी इस पोस्ट पर खूब रिएक्ट किया। किसी ने लिखा, “कमिने आज भी उतनी ही फ्रेश लगती है।” किसी ने कहा, “स्वीटी भोपे जैसा किरदार शायद ही कोई और निभा पाता।”
फिल्म का डायलॉग “धन तेरस… धन तेरस” आज भी लोगों की जुबान पर है। और शाहिद कपूर का डबल रोल तो अलग ही यादगार बन गया।
16 साल बाद भी क्यों याद है कमिने?
इसकी वजह साफ है। यह फिल्म स्टाइल, संगीत, कहानी और परफॉर्मेंस के मामले में अलग थी। विशाल भारद्वाज ने जो दुनिया बनाई, वह आज भी दर्शकों को पसंद आती है।
और शायद यही किसी फिल्म की सबसे बड़ी कामयाबी होती है—समय बीत जाने के बाद भी लोगों के दिलों में जगह बनाए रखना। कमिने ने यह कर दिखाया।